बिहार में ‘दीदी की रसोई’ करेगी मरीजों की सेवा

By – मनोज पाठक बिहार के सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अब शुद्ध और पोषक भोजन मिलेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अनूठी पहल करते हुए सभी सरकारी अस्पतालों में कैंटीन की सुविघा समाप्त कर ‘दीदी की रसोई’ (Didi ki Rasoi) प्रारंभ करने की योजना बनाई है। इसी रसोई से अस्पतालों में भर्ती मरीजों

By – मनोज पाठक

बिहार के सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अब शुद्ध और पोषक भोजन मिलेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अनूठी पहल करते हुए सभी सरकारी अस्पतालों में कैंटीन की सुविघा समाप्त कर ‘दीदी की रसोई’ (Didi ki Rasoi) प्रारंभ करने की योजना बनाई है। इसी रसोई से अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भोजन परोसा जाएगा।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि राज्य के लोगों को सुलभ और सुदृढ स्वास्थ्य सेवाएं सहित मरीजों को शुद्ध भोजन उपलब्ध कराने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग दृढ़ संकल्पित है, जिसके लिए सरकार प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि अब राज्य के सभी जिला एवं अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती मरीजों को ‘दीदी की रसोई’ (Didi ki Rasoi) का शुद्ध एवं पोषक खाना मिलेगा। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति और बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन समिति (जीविका) के बीच करार किया जाएगा।

यह भी पढ़ें – जानिए कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश की मंत्रिमंडल में कौन कितना अमीर?

पांडेय ने बताया कि फिलहाल जीविका की महिलाओं द्वारा संपोषित सामुदायिक संगठन दीदी की रसोई (Didi ki Rasoi) और राज्य स्वास्थ्य समिति की अनूठी पहल के तहत राज्य के सात जिलों – बक्सर, शिवहर, सहरसा, गया, शेखपुरा, पूर्णिया और वैशाली के सदर अस्पतालों तथा शेरघाटी के अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती मरीजों पौष्टिक एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पहल के सकारात्मक परिणाम आने के बाद राज्य के सभी जिला एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में यह व्यवस्था की जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रति मरीज को रोज भोजन के लिए मिलने वाली राशि को भी 100 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये कर दिया गया है। इस राशि में प्रत्येक वर्ष पांच प्रतिशत बढ़ोतरी की जाएगी। अधिकारी ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति एवं जीविका इस व्यवस्था के मूल्यांकन के बाद करार को और आगे बढ़ाया जाएगा। फिलहाल यह करार पांच वर्षों के लिए ही होगा। विभाग के मुताबिक अस्पताल परिसर में दीदी की रसोई (Didi ki Rasoi) के अलावे और कोई कैंटीन या भोजनालय नहीं होगा।

अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए – Say No To Discrimination Against Vaccine Allocation: Centre

दीदी की रसोई (Didi ki Rasoi) के लिए संबंधित अस्पताल परिसर में स्थान, बिजली और पानी की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध कराएगा लेकिन बिजली बिल का भुगतान संबंधित दीदी की रसोई द्वारा किया जाएगा। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पूर्णिया दौरे में वहां के अस्पतालों में जीविका की महिलाओं द्वारा बेहतर भोजन व्यवस्था को देखा था और इसे अन्य अस्पतालों में लागू करने की घोषणा की थी। (आईएएनएस)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here