By : अरुल लुईस
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अत्यधिक कुशल कामगारों को अमेरिका में स्थायी निवास देने के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई है। यह जानकारी उनके प्रवक्ता जेन साकी ने दी है। बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ग्रीन कार्ड और वर्क वीजा जारी करने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को पलट दिया है।
प्रवक्ता जेन साकी ने गुरुवार को कहा कि बाइडेन का मानना है कि हमारे आव्रजन प्रणाली को और अधिक आधुनिक बनाना काफी महत्वपूर्ण है और इसके लिए कई ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि उच्च-कुशल कामगार देश में रह सकें और देश में रहने के लिए उचित प्रक्रिया से गुजर सकें।
जब पत्रकारों ने साकी से सवाल किया कि जो लोग कानूनी रूप से देश में रह रहे हैं, लेकिन जिन्हें स्थायी निवास या ग्रीन कार्ड के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ता है, उन लोगों के बारे में बाइडेन क्या करना चाहते हैं, तो इस पर उन्होंने जवाब दिया कि हम डेमोक्रेट और कांग्रेस में रिपब्लिकन के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।
यह भी पढ़े :- भारत ने ‘वैक्सीन राष्ट्रवाद’ की निंदा की
गौरतलब है कि कांग्रेस के दो डेमोक्रेटिक सदस्यों ने पिछले सप्ताह एक कानून पेश किया जिसमें एच 1-बी वर्क वीजा पर अधिक पेशेवर भारतीयों को ग्रीन कार्ड प्राप्त करने और उनके इंतजार में कटौती करने की अनुमति का प्रभाव होगा। आम तौर पर ग्रीन कार्ड पाने अथवा वर्क वीजा हासिल करने में काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है।
सीनेटर बॉब मेनेंडेज और प्रतिनिधि सभा के सदस्य लिंडा सांचेज द्वारा पेश किए गए बिल में प्रत्येक देश के लिए ग्रीन कार्ड की वार्षिक सीमा को हटाने का प्रयास किया गया है। यह एक ऐसा उपाय है जो उन्हें लाभान्वित करेगा।
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि विभाग ग्रीन कार्ड और वर्क वीजा जारी करने पर प्रतिबंध समाप्त करने वाले बाइडेन के आदेशों के बाद वीजा परिचालन को सामान्य करेगा।
उन्होंने कहा कि विदेश विभाग अमेरिकी लोगों की सेवा करने और हमारे वीजा संचालन को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश विभाग हमेशा आवेदकों, उनके प्रियजनों और अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।
बाइडेन ने बुधवार को ग्रीन कार्ड और वर्क वीजा जारी करने के उद्देश्य से ट्रंप द्वारा लगा गए प्रतिबंध को समाप्त करने के लिए एक घोषणा जारी की। साथ ही उन्होंने ट्रंप के उन दावों को भी खारिज कर दिया कि यह प्रतिबंध अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए था। (आईएएनएस)