By : कैसर मोहम्मद अली
बीसीसीआई के पूर्व कोषाध्यक्ष किशोर रुं गटा का कहना है कि बोर्ड को केंद्र सरकार से करो में माफी की मांग को छोड़कर टैक्स देते हुए इस साल टी20 विश्व कप की मेजबानी करनी चाहिए। आईएएनएस ने कुछ दिन पहले फाइल अपनी खास रिपोर्ट में कहा था कि अगर भारत सरकार टैक्स में छूट नहीं देती है तो इस विश्व कप के लिए बीसीसीआई को 906 करोड़ रुपये का टैक्स देना पड़ सकता है। अगर सरकार 10 फीसदी का भी राहत देती भी है तो भारतीय बोर्ड को फिर भी 227 करोड़ टैक्स देना होगा।
विश्व कप सिर्फ 10 महीने दूर है और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को बैकअप के तौर पर रखा है। बीसीसीआई पहले हो दो डेडलाइन- 31 दिसंबर 2019 और 31 दिसंबर 2020 मिस कर चुकी है। अब उस पर यह फैसला करने का दबाव बढ़ गया है कि वह टूर्नामेंट की मेजबानी करना चाहती है या नहीं। एक अधिकारी ने कहा कि नई डेडलाइन फरवरी की है। वित्त मंत्रालय के पास बीसीसीआई की इस टी-20 विश्व कप में टैक्स में छूट की अपील लंबित पड़ी है। सरकार ने हालांकि इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
साल 1998 से 2003 के बीच बीसीसीआई कोषाध्यक्ष रहे रुं गटा ने आईएएनएस से कहा, “खेल इकाइयों से कर नहीं लिया जा रहा है। मुझे नहीं बता कि अभी बीसीसीआई टैक्स दे रहा है या नहीं लेकिन अगर वह सामान्तया टैक्स देता है (जिसकी मुझे जानकारी नहीं) तो फिर उसे टैक्स देकर इस साल टी20 विश्व कप की मेजबानी करनी चाहिए।”
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बीसीसीआई का टैक्स से संबंध
रुं गटा ने कहा, “बीसीसीआई को अभी भी टैक्स में छूट का प्रयास करना चाहिए जिससे कि उसे कुछ राहत मिल सके क्योंकि इससे बीसीसीआई के साथ-साथ भारत सरकार को भी फायदा है। मेरी समझ से बस यही एक इश्यू होना चाहिए और भारत को विश्व कप के आयोजन से पीछे नहीं हटना चाहिए।” उल्लेखनीय है कि रोचक बात यह है कि बीसीसीआई खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय खेल महासंघ के तौर पर मान्यता प्राप्त भी नहीं है। दो डेडलाइन मिस करने के बाद आईसीसी ने बीसीसीआई को दो विकल्प दिए हैं जो बीसीसीआई के लिए आखिरी लग रहे हैं। पहला है, टी-20 विश्व कप को यूएई में कराया जाए और दूसरा इस बात की गांरटी है कि अगर भारतीय बोर्ड टैक्स में छूट नहीं ले पाती है तो उसे टैक्स की जिम्मेदारी उठानी होगी जो कम से कम 226.58 करोड़ रुपये और ज्यादा से ज्यादा 906.33 करोड़ रुपये होगी।
बीसीसीआई के सचिव जय शाह गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं और कोषाध्यक्ष अरुण कुमार धूमल वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के भाई है। अनुराग पूर्व में बीसीसीआई अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वित्त मंत्रालय को ही इस पर फैसला लेना है और बीसीसीआई की अपेक्स काउंसिल रविवार को टैक्स से जुड़े मसले पर एक बार फिर विचार करेगी। रुं गटा ने कहा कि बीसीसीआई एक धनी बोर्ड है और उसे अगर जरूरत हुई तो टैक्स देकर विश्व कप का आयोजन करना चाहिए। बीसीसीआई के ताजातरीन बैलेंस शीट के मुताबिक उसके पास 15 हजार करोड़ के करीब की सम्पत्ति है। (आईएएनएस)