By: सुमी खान
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश सांप्रदायिक सद्भाव का एक मजबूत उदाहरण है। नई दिल्ली, ढाका के साथ “हर समय” मजबूती के साथ सहयोग करेगी। उन्होंने यह टिप्पणी गोपालगंज जिले में मतुआ समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए ओराकांदी मंदिर की यात्रा के दौरान की। इस मंदिर को मतुआ समुदाय के पांच करोड़ से अधिक लोगों के लिए सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। इसकी स्थापना बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में रहने वाले हरिचंद ठाकुर ने की थी।
मोदी ने कहा, “मैं ओराकांदी की इस पवित्र भूमि पर आने के लिए धन्य हूं। यह ओराकांदी ठाकुर के आशीर्वाद के कारण संभव हो पाया है। जब मैं पहली बार 2015 में बांग्लादेश आया था, तो मुझे उम्मीद थी कि किसी दिन मैं यहां आ सकूंगा। मेरी यह इच्छा आज पूरी हो गई है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम हरिचंद ठाकुर और उनके बेटे गुरुचंद ठाकुर द्वारा निर्देशित तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। जॉय बांग्ला, जॉय हिंद, भारत-बांग्लादेश मैत्री चिरोजिबी होक।” मोदी ने ठाकुर परिवार के सदस्यों से भी मुलकात की। ओराकांदी जाने से पहले उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान को तुंगीपारा स्थित उनके समाधिस्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। वह गोपालगंज भी गए।
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सतखिरा जिले के जशोरेश्वरी काली मंदिर में सुबह पूजा करने के बाद मोदी हेलीकॉप्टर से तुंगीपारा पहुंचे। मोदी तुंगीपारा जाने वाले पहले भारतीय राष्ट्राध्यक्ष हैं। वह दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को ढाका पहुंचे और बांग्लादेश की आजादी के 50 साल और बंगबन्धु की जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया। बाद में आज दिन में हसीना और मोदी व्यापार, कनेक्टिविटी और कोविड-19 सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने के लिए विचार-विमर्श करने वाले हैं।
ढाका में हसीना के कार्यालय में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले दोनों नेताओं की बैठक होगी।उम्मीद है कि दोनों पक्ष कुछ संयुक्त परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करेंगे। इनमें आपदा प्रबंधन, व्यापार और समुद्र विज्ञान प्रमुख हैं। शाम को विशेष उड़ान से दिल्ली रवाना होने से पहले मोदी बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद से मिलेंगे। विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन उन्हें हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विदाई देंगे।(आईएएनएस-SHM)