एक नए अध्ययन के अनुसार, अमेरिका के अधिकतम राज्य समुद्र में प्रदूषण के लिए पहले से अधिक जिम्मेदार हैं। महासागर में प्रदूषण के प्रमुख वैज्ञानिक और इस अध्ययन के सह-लेखक जॉर्ज लियोनार्ड ने कहा कि, “प्लास्टिक से फैला प्रदूषण महासागरों के भविष्य के लिए 3 खतरों में से अहम है।” उन्होंने यह भी बताया कि, “प्लास्टिक अब समुद्री फूड-चेन में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, समुद्री फ़ूड-चेन के सबसे निचले स्तर पर जो की सबसे छोटे फाइटोप्लांकटन है और सबसे शीर्ष पर जो की मछलियां हैं उन्हें हम भी खाते हैं।”
विश्लेषण के अनुसार, अमेरिका ने 2016 में 42 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन किया, जो दुनिया के किसी भी देश से अधिक है। इसमें से 2.2 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक को समुद्र में फेक दिया गया। लियोनार्ड आगे कहते हैं कि “अगर इस कचरे को व्हाइट हाउस के लॉन में ढेर लगाया जाता है, तो यह एम्पायर स्टेट बिल्डिंग जितना ऊंचा होगा।”
इन्हीं शोधकर्ताओं ने पिछले अध्ययन में अमेरिका को समुद्र के प्लास्टिक के 20 वें सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में स्थान दिया था। अध्ययन में प्रदूषण के दो अन्य स्रोत भी शामिल हैं, और वह हैं अवैध डम्पिंग एवं कचड़े को विदेशों में भेज रिसाइकिल करवाना। जिस वजह से इस वर्ष अमेरिका प्रदूषण फ़ैलाने में तीसरे नंबर पर है।
जेन डैल जो की एक केमिकल इंजीनियर हैं और द लास्ट बीच क्लीनअप के संस्थापक ने कहा कि, “यह अध्ययन वास्तव में अच्छा है क्योंकि यह अमेरिका को सूची में सबसे ऊपर रखता है और कहता है कि ‘अरे, रुको, अमेरिका प्लास्टिक प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है,”।
यह भी पढ़ें: सावधान! ठण्ड बढ़ा सकती है संक्रमण का खतरा
2016 में, अमेरिका ने अपने कुल प्लास्टिक कचरे का सिर्फ 9% रिसाइकिल किया। इसमें से लगभग आधे को घरेलू स्तर पर रिसाइकिल किया गया और आधे को विदेशों में भेज दिया गया। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 2016 में 1 मिलियन मीट्रिक टन तक प्लास्टिक कचरे ने इन निर्यातों से पर्यावरण में प्रवेश किया।
कारा लैवेंडर लॉ जो की इस शोध की मुख्य लेखक हैं उन्होंने कहा कि, “सालों से, जो हमने समुद्र में कचरा फेंका है, वह उन देशों में रिसाइकिलिंग के लिए भेजा गया है तो खुद कचरा प्रबंधन में संघर्ष कर रहे हैं।” लॉ आगे बताती हैं कि “अधिकांश कचरा जो रिसाइकिल हो कर आया है उसे दोबारा इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता, इसका कारन है प्लास्टिक का कम मूल्य का होना। और यह अंत में पर्यावरण को ही प्रदूषित करता है।
सबसे ज़्यादा प्लास्टिक कचरा उत्पाद करने वाले देशों की सूची:
US 105 किलोग्राम प्रति व्यक्ति
UK 99 किलोग्राम प्रति व्यक्ति
साउथ कोरिया 81 किलोग्राम प्रति व्यक्ति
जर्मनी 81 किलोग्राम प्रति व्यक्ति
थाईलैंड 70 किलोग्राम प्रति व्यक्ति
मलेशिया 67 किलोग्राम प्रति व्यक्ति
अर्जेंटीना 61 किलोग्राम प्रति व्यक्ति
यह सभी देश सबसे अधिक प्लास्टिक कचरे का उत्पाद करते हैं। पिछले आंकड़ों पर देखें तो भारत पिछले वर्ष 12वें स्थान पर था और इस वर्ष यह तीन अंक नीचे 15 वें स्थान पर है।