अब पराली से बनाई जाएगी ईंधन, मध्यप्रदेश की नई पहल

कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि राज्य में पराली जलाने से हो रहे पर्यावरणीय नुकसान को रोकने के लिए पराली से ईंधन बनाने के यूनिट लगाए जाएंगे।

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उत्तर भारत का नक्शा (सेटेलाइट तस्वीर ) जिसमें पराली जलाने को दर्शाया गया है । (Wikimedia Commons)

मध्यप्रदेश मे पराली को जलाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को रोकने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसी के तहत राज्य में पराली से ईंधन बनाने की इकाईयां लगाए जाने का प्रस्ताव है।

राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बीते दिनों दिल्ली में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से मुलाकात की और उनकी कई विषयों पर चर्चा भी हुई बता दे दिल्ली में हर साल पराली जलाने के कारण बहुत अधिक प्रदूषण फैल जाता है ।

कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि राज्य में पराली जलाने से हो रहे पर्यावरणीय नुकसान को रोकने के लिए पराली से ईंधन बनाने के यूनिट लगाए जाएंगे। ज्ञात हो कि फसल कटाई के बाद पराली को जलाने के लिए किसान खेतों में आग लगाते हैं जिससे बड़े पैमाने पर धुंआ होता है। इससे पर्यावरण को नुकसान होता है। इसे रोकने के लिए पराली से ईंधन बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

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पटेल ने आगे बताया कि प्रदेश की 25 कृषि उपज मंडियों में पेट्रोल पंप खोलना तय हो गया है, जल्द ही मंडियों का आवश्यकता के अनुसार चयन कर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मंडियों में पेट्रोल पंप खुालने से किसानों को कई तरह की समस्याओं से बचाया जा सकेगा।

कृषि मंत्री पटेल का कहना है कि राज्य में किसानों के कल्याण के लिए प्रभावी योजनाओं को अमल में लाया गया है जिससे उन्हें आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी। (आईएएनएस)

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