कोई कलेक्टर खुद पर जुर्माना लगा सकता है तो जवाब न में ही मिलेगा, मगर मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले ने न्याय की नई मिसाल पेश की है। उन्होंने अन्य अधिकारियों के साथ खुद पर भी सौ रुपये का जुर्माना लगाया है। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि समाधान ऑनलाईन, प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा, सीएम हेल्पलाइन, जनसुनवाई तथा जनप्रतिनिधि के लंबित प्रकरणों की विभागवार समीक्षा के लिए बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने 100 रुपए के मान से 1139 शिकायतों का निराकरण नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों पर जुर्माना लगाया। साथ ही कलेक्टर ने स्वयं पर भी कार्रवाई नहीं करने के कारण 100 रुपए का जुर्माना लगाया।
इस बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभागीय अधिकारी एक सप्ताह के अंदर अभियान चलाकर सीएम हेल्पलाइन समाधान ऑनलाइन समय सीमा निर्धारित पत्रों की जनसुनवाई और जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्र का निराकरण करना सुनिश्चित करें।
यह भी पढ़ें: “2020 ने हमें सिखाया है कि पुरानी सीमाओं में बंधे होने का समय समाप्त हो गया है”
जानकारी के अनुसार समीक्षा के दौरान उन्होने पशु चिकित्सा विभाग के सहायक क्षेत्रीय पशु चिकित्सा अधिकारी और पिपलिया कला के एम एस मंसूरी और पी एस दांगी को केसीसी से संबंधित कार्य नहीं करने के कारण निलंबित करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार निर्धारित समय सीमा में पत्रों का निराकरण नहीं करने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी सारंगपुर, लोकशिक्षण विभाग, पीएमजीएसवाई तथा सारंगपुर तहसीलदार को शोकॉज नोटिस जारी करने हेतु निर्देशित किया। साथ ही राजगढ़ तहसीलदार को बैठक में अनुपस्थित रहने के कारण नोटिस देने के निर्देश दिए।(आईएएनएस)