महामारी ने कई तरह के तनाव दिए हैं। ऐसे में इन तनावों से बाहर निकलने में प्रकृति से खासी मदद मिल सकती है। रिसर्च के मुताबिक, प्रकृति के बीच समय गुजारना न केवल तनाव को घटाने में मदद करता है, बल्कि आउटडोर बिताई गईं छुट्टियां मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को कई लाभ पहुंचाती हैं। स्वीडन, जहां का 70 प्रतिशत हिस्सा जंगल से ढंका है, वहां प्रकृति के करीब रहना आसान है। यहां आने वाले लोगों को खेत, घास के मैदान, जंगल, शांत झील, कई मील लंबे समुद्र तट और हजारों द्वीपों के साथ प्रकृति से सीधे रूबरू होने का मौका मिलता है। सुरक्षित यात्रा करने के लिए इंतजार कर रहे लोगों के लिए स्वीडन में प्राकृतिक परिवेश वाली 15 सबसे आकर्षक जगहें हैं, जहां लोग प्रकृति के बीच रहने का शानदार अनुभव ले सकते हैं।
लंबे समय से अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रकृति के बीच समय बिताने की बात की जा रही है। शोध के अनुसार, बाहर रहने से नकारात्मक भावनाएं और तनाव कम होता है। बल्कि स्वीडन की पहल ‘द 72 आवर केबिन’ के सकारात्मक प्रभाव तो परीक्षणों में साबित हो चुके हैं, जिसमें विभिन्न शहरों के ऐसे प्रतिभागी शामिल थे, जिनकी नौकरियां बहुत तनाव वाली थीं।
नतीजों को जानने के लिए स्वीडिश के बाहरी इलाके में पानी के बगल में कांच के केबिन में तीन दिन तक लगातार सोने के पहले और बाद में इन लोगों की जांच की गई थी।
धीरे-धीरे यात्राएं शुरू होने के साथ ही लोग महामारी के कारण आए तनाव को दूर करने के लिए ऐसी जगहें ढूंढ रहे हैं, जहां समय बिताकर वे खुद को संतुलित कर सकें।
ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं कि प्रकृति से एक असामान्य रिश्ता जोड़ने के लिए स्वीडन से बेहतर कोई जगह है। खासकर अल फ्रेस्को में समय बिताने के लिए लोग दुनिया के हर हिस्से से आते हैं। देश भर में कई स्थानों पर विशेषज्ञ लोग प्रकृति का अद्वितीय अनुभव देने और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बाहर खाना पकाने, लंबी पैदल यात्रा करने, कैनोइंग और माउंटेन बाइकिंग जैसी कई गतिविधियां कराते हैं।
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स्वीडन के केरोलिस्का इंस्टीट्यूट के एजिंग रिसर्च सेंटर की रिसर्चर सीसिलिया स्टेनफोर्ड कहती हैं, “हमारे समाज में स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के लिए प्राकृतिक वातावरण एक महत्वपूर्ण संसाधन है। शोध से पता चलता है कि बाहर बिताया गया समय नकारात्मक भावनाओं और तनाव को कम करता है और यह सकारात्मक भावनाओं, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार और प्रदर्शन को बढ़ाता है।”
इतना ही नहीं पूवी एंग्लिया यूनिवर्सिटी के मुताबिक हरियाली रक्तचाप, कोर्टिसोल और हृदय गति को कम करती है।(आईएएनएस)