भारतीय इतिहास से जुड़ा ऐसा सच जिसे आप भी जानकर रह जाएंगे दंग!

भारत के इतिहास को लिबरल और वामपंथी इतिहासकारों ने समय-समय पर तोड़-मरोड़ कर सभी के समक्ष रखा है।

0
938
even rajput rulers were married to mughal women then why jodha akbar love is remembered
भारत के इतिहास को समय-समय पर गलत ढंग से लिखा गया।(Wikimedia Commons)

भारत के इतिहास को लिबरल और वामपंथी इतिहासकारों ने समय-समय पर तोड़-मरोड़ कर सभी के समक्ष रखा है। चाहे वह मुगलों को हिन्दू मंदिरों का रक्षक बताने में हो या टीपू सुल्तान जैसे क्रूर शासक को महान बताने में, इन सभी ने हर सम्भव प्रयास किया कि देश की जनता और नवयुवकों तक गलत और आधा-अधूरा इतिहास पहुंचे। और इन सब मनगढ़ंत इतिहास के पीछे इनका एक ही तर्क सामने आता है, यह की देश में सौहार्द की स्थिति बनी रहे। किन्तु इस तर्क का न तो सर है और न ही पैर, बस इनके द्वारा एक धर्म विशेष को खुश करने के लिए यह हतकंडे अपनाए गए और कुछ वर्षों तक यह सफल भी रहे। लेकिन अब जब देश के युवा और राष्ट्रवादी नागरिक जागरूक हो रहे हैं, तब सभी तथ्यों को कुरेद-कुरेद कर निकाला जा रहा है। इसका प्रयास पहले भी किया गया था, किन्तु देश में कुछ ऐसे तत्व थे जिन्होंने इन इतिहास को जनता तक पहुंचने नहीं दिया।

आज इतिहास से जुड़ा एक ऐसा ही सत्य आप सबके सामने लाया जाएगा जिसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे। किन्तु एक सवाल यह कि क्यों जोधा अकबर के झूठे प्रेम संबंध को दिखाकर मुगलों का बखान किया जाता है? जबकि ऐसे कई राजपूती शासक थे जिनका विवाह मुस्लिम महिलाओं के साथ हुआ था, लेकिन न तो उनकी चर्चा हुई है और न ही किसी उदारवादी इतिहासकार ने इस पर लिखने या कहने की चेष्टा की है। आज हम आपको कुछ ऐसे राजपूती राजाओं से परिचय कराएंगे, जिनकी पत्नी या तो मुगल थीं या उनके प्रेम में कायल थीं।

राजपूती राजा जिनकी पत्नी मुस्लिम थी:
  • अकबर की बेटी शहजादी खानूम से महाराजा अमर सिंह का विवाह हुआ था,
  • कुंवर जगत सिंह ने उड़ीसा के अफगान नवाब कुतुल खां की बेटी मरियम से विवाह किया था,
  • महाराणा सांगा का मुस्लिम सेनापति की बेटी मेहरूनिशां से और अन्य तीन मुस्लिम लड़कियों से विवाह हुआ था,
  • महाराणा कुम्भा का जागीरदार वजीर खां की बेटी के साथ विवाह,
  • बप्पा रावल गजनी के मुस्लिम शासक की बेटी से और 30 से अधिक मुस्लिम राजकुमारियों से विवाह,
  • विक्रम जीत सिंह गोतम का आजमगढ़ की मुस्लिम लड़की से विवाह,
  • जोधपुर के राजा हनुमंत सिंह का मुस्लिम लड़की जुबैदा से विवाह,
  • चन्द्रगुप्त मौर्य का सिकंदर के सेनापति सेल्युकस निकेटर की बेटी हेलेना से विवाह,
  • महाराणा उदय सिंह का एक मुस्लिम लड़की लाला बाई से विवाह,
  • राजा मानसिंह का मुस्लिम लड़की मुबारक से विवाह,
  • अमर कोट के राजा वीरसाल का हमीदा बानो से विवाह,
  • राजा छत्रसाल का हैदराबाद के निजाम की बेटी रूहानी बाई से विवाह,
  • मीर खुरासन की बेटी नूर खुरासन का राजपूत राजा बिंदुसार से विवाह,
hadi rani
जिन मुगलों के अत्याचार को देश ने सहा उन्हें महान कहें?(काल्पनिक चित्र, Unsplash)
अब बात करते हैं उन मुस्लिम महिलाओं की जो थीं राजपूती राजाओं के प्रेम में
  • अलाउद्दीन खिलजी की बेटी फिरोजा जो जालोर के राजकुमार वीरम देव की दीवानी थी, वीरम देव के युद्ध में वीरगति प्राप्त होने पर फिरोजा सती हो गयी थी !
  • औरंगजेब की बेटी जेबुनिशां जो कुँवर छत्रसाल की दीवानी थी, और प्रेम पत्र लिखा करती थी, और छत्रसाल के अलावा किसी और से शादी करने से इनकार कर दिया था !
  • औरंगजेब की पोती और मुहम्मद अकबर की बेटी सफीयतनिशां जो राजकुमार अजीत सिंह के प्रेम में दीवानी थी !
  • इल्तुतमिश की बेटी रजिया सुल्तान जो राजकुमार जागीरदार कर्म चंद्र से प्रेम करती थी !
  • औरंगजेब की बहन भी छत्रपति शिवाजी महाराज की दीवानी थी, शिवाजी से मिलने आया करती थी !
  • राजपूत राजाओं की और भी बहुत सी मुस्लिम पत्नियां थी, लेकिन वह राजपरिवार और धनी वर्ग से नहीं थी !

यह भी पढ़ें: राम एवं रामचरितमानस से क्यों डरते हैं लिब्रलधारी?

अब सवाल यह है कि क्यों जोधा अकबर की जोड़ी को इतिहासकारों ने प्रेम की तस्वीर या ‘खूबसूरत’ प्रेमी जैसे शब्दों से सम्बोधित किया। साथ ही इन दोनों के प्रेम को कितनी चतुराई से फिल्म में दिखाया गया यह हम सबने देखा है। उसमें यह बताने का प्रयास हुआ कि मुगलों ने ही भारत में शांति और सौहार्द को बरकरार रखा। जबकि ‘वास्तविक’ इतिहास कुछ और ही कहता है। इतिहास को देखें तो जो लिब्रलधारी जोधा अकबर के नाम पर इतराते हैं, उन्ही जोधा बाई का नाम अकबर ने मरियम-उज़-ज़मानी रखा था। अब आप कहेंगे कि नाम में क्या रखा है, तो उसका भी जवाब सुनिए! कई इतिहासकार इस बात से साफ मुकर जाते हैं कि जोधा बाई नामक कोई राजपूती महिला अकबर की पत्नी थी। जब इतिहासकारों के मन में इस बात का संशय है कि जोधा बाई का कोई अस्तित्व था भी या नहीं, तब इनकी प्रेम कहानी को किस आधार पर लिब्रलधारियों ने अपने एजेंडा का अभिन्न अंग बना लिया?

(उक्त दिए गए तथ्य सर्व समाज की राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के सितंम्बर मास 2019 में छपे आलेख से लिए गए हैं।)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here