Mother’s Day 2021: कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि “कुमाता” न भवति

पूरा विश्व इस एक दिन को मां के दिन के रूप में मना कर, मां के प्रति अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करने की एक छोटी सी कोशिश करता है।

0
320
Mother's Day
पूरा विश्व मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाता है। (NewsGramHindi)

कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति

(अर्थात: संतान बुरी हो सकती है। माता कुमाता (बुरी) नहीं हो सकती।)

कहा जाता है कि प्रेम जाहिर करने का कोई दिन नहीं होता है और मां का स्थान तो संसार में सबसे ऊंचा है। मां से प्यार करने का कोई एक दिन हो ही नहीं सकता है। परन्तु मां, जो निस्वार्थ भाव से हमें प्यार करती है। अपना हर दिन, हर पल बलिदान स्वरूप हम पर निछावर करती हैं और उनके प्रति इस प्रेम, आदर को व्यक्त करने के लिए कुछ प्रान्तों को छोड़ कर पूरा विश्व आज के दिन को मदर्स डे (Mother’s Day) के रूप में मना रहा है। मां के द्वारा किए गए हर दिन हर महीने हर साल के प्रेम और त्याग को एक दिन में समेट पाना तो नामुमकिन है। लेकिन पूरा विश्व इस एक दिन को मां के दिन के रूप में मना कर, मां के प्रति अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करने की एक छोटी सी कोशिश जरूर करता है। 

माँ की ममता और उनके आंचल की महिमा को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। कोई भी धर्म हो या संस्कृति हो उसमें मां के अलौकिक गुणों का उल्लेखनीय वर्णन मिलता है। हमारे हिन्दू धर्म में देवियों को मां कहकर संबोधित किया जाता है। हमारे वेद, पुराण, महाकाव्य आदि सब मां की अपार महिमा के गुणगान करते हैं। विद्वानों, ऋषियों, साहित्यकारों आदि सभी ने मां के प्रति अपनी अनुभूतियों को कलमबद्ध करने का सुंदर प्रयास किया है और करते आ रहे हैं।

Mother
माँ की ममता और उनके आंचल की महिमा को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। (Pexels)

मां मात्र एक शब्द नहीं है। यह एक ऐसा मंत्र है, जिसके उच्चारण मात्र से सभी पीड़ाओं का नाश हो जाता है। माना जाता है कि अमेरिका (America) में आधुनिक मदर्स डे की शुरुआत सबसे पहले हुई थी। जार्विस नाम की एक महिला चाहती थी कि इस एक दिन को माताओं के लिए याद किया जाए। यह इच्छा उनकी अपनी मां ने व्यक्त की थी। जार्विस ने अपनी माता के निधन के बाद इस दिन को मदर्स डे के रूप में मनाया। जार्विस द्वारा मां के सम्मान के रूप में इस दिन की शुरुआत की गई थी। जिसे आज देश – विदेश में हर जगह अलग – अलग रूप में मनाया जाता है। 

यह भी पढ़ें :- Maharana Pratap Jayanti: ‘महाराणा प्रताप’ वह वीर, जिस से कांप गई थी मुगलिया भीड़!

दिवस एक मनाने के रूप अनेक!

अमेरिका व भारत सहित कई अन्य देशों में मई के दूसरे रविवार को “मातृ दिवस” मनाया जाता है।

नेपाल में वैशाख कृष्ण पक्ष में “माता तीर्थ उत्सव” के रूप में मनाया जाता है।

यूरोपीय देशों में “मद्रिंग सन्डे” के रूप में मनाया जाता है। 

इंडोनेशिया में 22 दिसंबर को मातृ दिवस मनाया जाता है।

यह दिन उस सच को स्मरण करने का है कि यदि आपके जीवन में सबसे अधिक कोई आपसे प्रेम करता है तो वो आपकी मां है। भाषाई दृष्टि से भले ही मां के विभिन्न रूप हैं। लेकिन वात्सल्य की दृष्टि से सभी एक समान होती हैं। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here