उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की समृद्ध परंपराओं को आगे बढ़ाने में सेक्युलरिज्म शब्द ही सबसे बड़ा खतरा है। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी रामायण विश्वमहाकोश के रूप में विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सेक्युलरिज्म ( Secularism ) शब्द भारत की इन समृद्ध परंपराओं को आगे बढ़ाने और वैश्विक मंच पर स्थान दिलाने में सबसे बड़ी बाधा और खतरा है। कहा कि हमें इससे उबर कर बहुत शुद्ध और सात्विक मन से प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि छोटे छोटे जातीय झगड़ों में पड़ कर हमने अपना वैभव नष्ट कर दिया। हमें इन छोटी चीजों से निकल कर विराट रूप में खुद को विश्व के सामने रखना चाहिए।
संत गाडगे प्रेक्षा गृह में आयोजित समारोह में योगी ने कहा कि यह विश्वमहाकोश हमें अयोध्या जाने के लिए बाध्य करेगा। विज्ञान और आध्यात्म के अनछुए पहलुओं से परिचय करायेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री भारत और भारतीय संस्कृति पर सवाल खड़े करने वालों पर हमलावर रहे।
अपनी कंबोडिया यात्रा के दौरान अंकोरवाट मंदिर में मिले एक बौद्ध गाइड का उदाहरण देते हुए सीएम ने हिन्दू संस्कृति पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिया। योगी ने कहा कि मंदिर का गाइड बौद्ध था, लेकिन उसको यह भी पता था कि बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हिन्दू धर्म से हुई है। यह बात वह निश्चिंत होकर बोल सकता है। लेकिन भारत में यह बोलेंगे तो बहुत सारे लोगों के सेक्युलरिज्म ( Secularism ) को खतरा पैदा हो जाएगा ।
उन्होंने कहा कि कुंभ ने भारत की संस्कृति ,स्वच्छता, सुव्यवस्था और सुरक्षा का एक नया मानक प्रस्तुत किया। पूरी दुनिया और यूनेस्को को भी कहना पड़ा कि दुनिया की मानवता की अमूर्त धरोहर है कुंभ।
योगी ने कहा कि भारत की परम्परा पर कौन सा ऐसा देश है जो गौरव की अनुभूति न करता हो । इंडोनेशिया, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया ये सभी देश बहुत विश्वास के साथ उस परंपरा और संस्कृति के साथ जुड़े रहे हैं। रामायण और महाभारत की कहानियां हमें बहुत कुछ सिखाती हैं।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने भगवान विष्णु के साक्षात अवतार होने के बावजूद मानवीय मर्यादाओं के अंदर अपनी पूरी लीला को रचा।
प्रभु श्री राम की यह महानता थी कि उन्होंने सामान्य मनुष्य की भांति कष्टों को सहते हुए मानवीय मर्यादाओं का पग-पग पालन किया।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 6, 2021
विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए योगी बोले कि कुछ लोगों ने तो राम के अस्तित्व और अयोध्या पर ही सवाल उठाने का प्रयास किया था। उस समय भी, जब श्रीराम जन्म भूमि के लिए आंदोलन चल रहा था कई इतिहासकार थे जो सवाल खड़े करने का प्रयास कर रहे थे। बहुत सारे लोगों ने तो यह कह दिया कि ये वो अयोध्या ही नहीं, जहां राम पैदा हुए थे। यही विकृत मानसिकता भारत को अपने गौरव से सदैव वंचित करती रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि जो चंद लोग भारत के खिलाफ वातावरण खड़ा करते हैं उन्हें जूठन के रूप में चंद पैसे मिल जाते हैं। लेकिन दुनिया में इनकी कदर कुछ भी नहीं। लोग मानते हैं कि ये अपने देश में गद्दारी कर रहे हैं। ये लोग बिकाऊ हैं, ये चंद पैसों के लिए अपनी आत्मा बेच चुके होते हैं।
अयोध्या शोध संस्थान की तारीफ करते हुए योगी ने कहा कि 2 वर्ष पूर्व ही मेरे सामने यह प्रस्ताव रखा था। योगी ने कहा कि यह गौरव की बात है कि, भारत की सनातन हिंदू धर्म परंपरा में जो सात पवित्र नगरियां हैं उनमें से तीन अयोध्या,मथुरा और काशी उत्तर प्रदेश में हैं। सनातन हिन्दू धर्म की आत्मा यहां निवास करती है।
सनातन हिन्दू धर्म की ‘आत्मा’ उत्तर प्रदेश में निवास करती है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 6, 2021
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश पर संस्कृति विभाग की अगुआई में अयोध्या शोध संस्थान द्वारा तैयार रामायण विश्वमहाकोश के पहले संस्करण की ई बुक को भी लांच किया गया। रामायण विश्व महाकोश के पहले संस्करण का अग्रेजी भाषा में विमोचन किया गया। संस्कृति विभाग दुनिया के 205 देशों से रामायण की मूर्त व अमूर्त विरासत संजो कर रामायण विश्वमहाकोश परियोजना को साकार करने में जुटा है। विश्वमहाकोश के प्रथम संस्करण का डिजाइन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर ने तैयार किया है ।
( AK आईएएनएस )