यूपी में डबल इंजन की सरकार का असर दिखने लगा है। केंद्र में भाजपा और प्रदेश में भाजपा ( BJP ) सरकार होने के कारण लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं का भी लाभ मिलने लगा है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीबाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में सपा सरकार में नाम मात्र लाभार्थी, लेकिन अब पीएमएसबीवाई में यूपी देश में प्रथम और पीएमजेजेबीवाई में द्वितीय स्थान पर है। एपीवाई में पिछली सरकार की तुलना में पिछले साल 31 दिसंबर तक 37 लाख 16 हजार 370 अधिक लोगों को योजना का लाभ मिला है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को प्रदेश की बागडोर संभाली थी। इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्रदेश में अधिक से अधिक पात्रों को दिलाने के निर्देश दिए थे, जिसका परिणाम यह है कि पिछली सरकार की तुलना में सीएम योगी के चार साल के कार्यकाल में अल्प सुविधा प्राप्त और निर्धन लोगों को सबसे ज्यादा मिला है। पिछली सरकार में 31 मई 2017 तक पीएमजेजेबीवाई में 31,94,083 और पीएमएसबीवाई में 1,20,59,096 को लाभ मिला था। जबकि योगी सरकार में कुल 3 करोड़ 30 लाख और पीएमएसबीवाई में 2 करोड़ 66 लाख, पीएमजेजेबीवाई में 66 करोड़ 84 लाख लोगों को योजनाओं का लाभ मिला है।
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वित्तीय समावेशन के तहत केंद्र सरकार की ओर से आम लोगों के जीवन बीमा के लिए पीएमजेजेबीवाई में वार्षिक प्रीमियम के रूप में 330 रुपए प्रति वर्ष और पीएमएसबीवाई में वार्षिक प्रीमियम के रूप में 12 रुपए प्रति वर्ष दिया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था कायम करना है। विशेषकर अल्प सुविधा प्राप्त और निर्धन वर्ग को जोड़ना भी है।
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। हर ऐसे व्यक्ति को वृद्धावस्था में जीवन यापन के लिए न्यूनतम धनराशि प्रतिमाह मिलती रहे इसके लिए “अटल पेंशन योजना शुरू की गई है। इसका उद्देश्य नागरिकों को विशेषकर असंगठित क्षेत्र से जुड़े लोगों को पेंशन की सुविधा उपलब्ध करवाना है। सपा सरकार के दौरान वित्त वर्ष 2015-16 में अटल पेंशन योजना में मात्र 2,67,546 लाभार्थी थे। जबकि अब भाजपा सरकार में यह संख्या बढ़कर प्रदेश में पिछले साल 31 दिसंबर तक 39,83,016 हो गई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 7,92,813 नए लोगों को जोड़ा गया है। ऐसे में अगर देखा जाए, तो पिछली सरकार की तुलना में 31 दिसंबर 2020 तक 37 लाख 16 हजार 370 अधिक लोगों को योजना का लाभ मिला है। ( AK आईएएनएस )