द गार्जियन ने बीबीसी की झूठी खबरों को समर्थन दिया, लेकिन विदेशी नेटिजेंस ने इसपर सहमति नहीं जतायी। उन्होंने कहा कि आप बीबीसी की तरह भ्रष्ट हैं। कुछ नेटिजेंस ने झूठ का पदार्फाश किया कि बीबीसी ने नकली समाचार खरीदने के लिए चीन विरोधी तथाकथित ‘विद्वान’ एड्रियन जेनज के समर्थन में पैसे खर्च किये। “क्या विदेशी मीडिया को चीन से नफरत है?” यह 2 मार्च को चीनी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर चीन स्थित ब्रिटिश राजदूत कैरोलिन विल्सन द्वारा पूछा गया एक सवाल है। इस सवाल का सामना करते हुए, चीनी नेटिजन्स ने तुरंत ही विभिन्न उत्तर दिए और सबसे शक्तिशाली जवाब हमेशा तथ्य होते हैं।
उसी समय, बीबीसी और अन्य ब्रिटिश मीडिया ( British Media ) ने परीक्षण के सवालों का जवाब देने के लिए कुत्ता-बिल्ली की दौड़ की तरह एक एक करके झूठी खबरें जारी कीं।
पहला बीबीसी (BBC ) है। 2 मार्च को बीबीसी के प्रसिद्ध झूठे समाचार निर्माता चीन स्थित संवाददाता शालेइ ने चाइना सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) द्वारा कुछ साल पहले की गयी शिनच्यांग के गरीब क्षेत्रों में युवा महिला श्रमिकों की जांच रिपोर्ट का पहला भाग निकालकर पुन: तोड़-मरोड़ कर पेश किया और विवरण बदलकर उसे चीनी सरकार के मजबूर श्रम के सबूत के रूप में बनाया। जब चाइना मीडिया ग्रुप ने पहले समय पर इसका पदार्फाश किया और अन्य चीनी मीडिया ने भी इसकी रिपोर्ट की, तब द गार्जियन(Gaurdian) ने एक लंबा लेख जारी कर कहा कि थिंक टैंक को पता चला है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बीबीसी की विश्वसनीयता पर हमला कर रही है।
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गौरतलब है कि जब गार्जियन ने इस चीन विरोधी लेख को अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, तो इसे मिले लगभग 200 शेयर और कामेन्ट्स में से अधिकांश चीनी सरकार के रवैये के पक्ष में खड़े हैं। इन ब्रिटिश नेटिजेंस ने अपने स्वयं के व्यक्तिगत अनुभव और वास्तविक भावना से उक्त ब्रिटिश राजदूत के सवाल का जवाब दिया।
नेटिजन जेम्स ने कहा: यह बहुत दिलचस्प है। चीन की सत्तारूढ़ पार्टी पर बीबीसी की बदनामी दशकों से चली आ रही है।
नेटिजन जोनाथन ने कहा: अफसोस की बात है कि बीबीसी (BBC ) की चीन के प्रति रिपोर्ट अपमानजनक हैं, जिन्हें ब्रिटिश विदेश मंत्रालय के व्यक्तियों के निर्देशन में किए जाने की संभावना है। उनके अपर्याप्त सबूत हैं और वे हमेशा अविश्वसनीय स्रोतों और झूठ पर निर्भर कर झूठी खबर रचते हैं।
नेटिजन नॉर्थ यॉर्क ने कहा: बीबीसी ब्रिटेन में बदनाम है और चीन में भी।
(आईएएनएस-AK)