By: अरुल लुइस
अमेरिकी सीनेट ने विवेक मूर्ति को सर्जन जनरल बनाए जाने की पुष्टि कर दी है। इसी के साथ अब वे दूसरी बार यह पद संभालेंगे। मंगलवार को सीनेट की मंजूरी प्राप्त करने वाले वह राष्ट्रपति जो बाइडेन के पहले भारतीय अमेरिकी नामिनी बन गए हैं।
इससे पहले रिपब्लिकन सीनेटरों के जमकर किए गए विरोध के बावजूद 7 रिपब्लिकन सीनेट डेमोक्रेट के साथ आए। दरअसल, मूर्ति ने बंदूक से होने वाली हिंसा को सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट कहते हुए बंदूक के स्वामित्व पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया था, जिसके कारण कई रिपब्लिकन उनके विरोध में आ गए थे।
सीनेट द्वारा मूर्ति को चुने जाने से एक दिन पहले ही कोलोराडो राज्य के बोल्डर में हुई सामूहिक गोलीबारी में 10 लोग मारे गए थे। वहीं इससे एक हफ्ते पहले ही अटलांटा में ऐसी ही हिंसा ने 8 लोगों की जान ले ली थी।
इस बार उन्हें 2014 में उन्हें मिले 51 वोटों की तुलना में 6 वोट ज्यादा मिले थे, उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें इस पद पर नियुक्त किया था।
2014 में मूर्ति के खिलाफ मतदान करने वाले डेमोक्रेट सीनेटर जो मैनचिन ने इस बार उनका समर्थन करते हुए कहा, “मूर्ति ने सर्जन जनरल के रूप में गैर-पक्षपाती रहकर अपनी प्रतिबद्धता साबित की है। साथ ही बड़ी संख्या में बंदूक रखने वाली आबादी को कानून का पालन करने के अपने विश्वास को फिर दोहराया है।”
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वहीं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालते ही मूर्ति को हटा दिया था।
इसके बाद मूर्ति ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के अभियान में स्वास्थ्य नीति सलाहकार के रूप में काम किया था। साथ ही कोविड संक्रमण के दौरान वे कोविड-19 सलाहकार बोर्ड के सह-अध्यक्ष भी थे और प्रशासन को महामारी से निपटने के लिए तैयार करने में मदद की थी।(आईएएनएस-SHM)