By: हमजा अमीर
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का दावा है कि उनकी सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है, मगर देशभर से जबरन अपहरण और धर्मातरण के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं।
एक ताजा घटनाक्रम में, सिंध हाईकोर्ट ने अपहरण एवं धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी कम से कम तीन पुरुषों को जमानत दी है। इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने 13 वर्षीय एक ईसाई लड़की का अपहरण कर जबरन उसका धर्म बदलकर इस्लाम कर दिया गया और 44 वर्षीय व्यक्ति से उसका निकाह कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि आरजू मसीह को मुस्लिम बनाए जाने के बाद उसका निकाह एक मुस्लिम व्यक्ति सैयद अली अजहर से कर दिया गया।
आरजू के माता-पिता ने पुलिस अधिकारियों के पास जाकर इस संबंध में मामला दर्ज कराया। इसके बाद अजहर के भाइयों सैयद शारिक अली और सैयद मोहसिन अली के साथ ही उसके दोस्त दानिश को गिरफ्तार किया गया। इन लोगों को लड़की के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन कराने में संदिग्ध संलिप्तता के कारण गिरफ्तार किया गया।
हालांकि आरजू की ओर से 27 अक्टूबर को सिंध हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें उसके माता-पिता से सुरक्षा की मांग की गई थी और कहा गया था कि उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है और अपनी मर्जी से अजहर से शादी की है।
यह याचिका कराची के न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास दायर की गई है, जिसमें 13 वर्षीय आरजू की सुरक्षात्मक हिरासत की मांग करते हुए अदालत से पुलिस को लड़की को बरामद करने और अदालत में पेश करने का निर्देश देने की मांग की है।
परिवार ने आरजू को एक बाल संरक्षण संस्थान की हिरासत में रखने का भी आह्वान किया है, क्योंकि उन्हें अंदेशा है कि वह इन दिनों यौन हिंसा का शिकार हो रही है।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात, पुलिस ने शुरू की बगावत
आरजू के माता-पिता ने दावा किया, “आरजू 13 साल की है और उसके पास यह साबित करने के लिए एक एनएडीआरए (नेशनल डेटाबेस रेगुलेटरी अथॉरिटी) का जन्म प्रमाणपत्र है। एनएडीआरए का कहना है कि उसका जन्म 31 जुलाई 2007 को हुआ था।”
याचिका सिंध बाल विवाह निरोधक नियम, 2016 की विभिन्न धारओं के तहत दायर की गई है।
आरजू के पिता राजा मसीह ने कहा कि उनकी बेटी को घर से उठा ले जाया गया था। राजा मसीह ने कहा कि उन्होंने 13 अक्टूबर को इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा, “मुझे बाद में पुलिस से पता चला कि आरजू की शादी सैयद अली अजहर से हुई थी, जिसने एक निकाहनामा (मुस्लिम विवाह अधिकृत पेपर), खुद की मर्जी से निकाह करने के लिए शपथपत्र और एक सनद-ए-इस्लाम प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था।”
दूसरी ओर, अपहरणकर्ता और आरजू के पति का दावा है कि वह 18 साल की है और उससे शादी करने के लिए उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है।
आरजू के माता-पिता ने तर्क देते हुए कहा, “आरजू को 27 अक्टूबर को सिंध हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के लिए मजबूर किया गया था। अदालत ने पुलिस को मामले में गिरफ्तारी करने से रोक दिया है, लेकिन उसने उन्हें जांच जारी रखने से नहीं रोका है।”
उन्होंने कहा कि आरजू को उसके अपहर्ता से सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
इस मामले को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी जोर-शोर से उठाया है। उन्होंने कहा, “सिंध सरकार माननीय अदालत की किसी भी गलतफहमी को दूर करने एवं मामले की समीक्षा करने के लिए अदालतों का रुख करेगी।”
उन्होंने कहा, “हमने कानून पारित किया है और इसे सही ढंग से लागू करने के लिए लड़ते भी रहेंगे।”(आईएएनएस)