उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस घोषणा के बाद कि उनकी सरकार लव जिहाद को रोकने के लिए एक सख्त कानून बनाएगी, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने रविवार को लव जिहाद के मामले में अपराधियों को मृत्युदंड देने की मांग की। हिंदू संतों और साधुओं के शीर्ष निकाय के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि ने संवाददाताओं से कहा कि लव जिहाद के मामलों में दोषियों को सार्वजनिक स्थानों पर फांसी दी जानी चाहिए, ताकि यह एक निवारक के रूप में काम करे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कि ‘सिर्फ विवाह के उद्देश्य के लिए धर्मातरण अस्वीकार्य है’, आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा था कि राज्य सरकार लव जिहाद के खिलाफ एक सख्त कानून लाने के लिए काम कर रही है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि ‘जबरन धर्मांतरण में शामिल लोगों को ‘राम नाम सत्य’ की यात्रा पर भेजा जाएगा।
हाईकोर्ट ने कहा कि विवाह के उद्देश्य के लिए धर्मातरण वैध नहीं है और इसे अपराध माना जाना चाहिए।
महंत गिरि ने कहा, “समय आ गया है कि इस मुद्दे से सख्ती से निपटा जाए। जिहादियों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए कि आने वाली पीढ़ियों तक के लोग इसे याद रखें। कुछ मुस्लिम युवा ‘तिलक’ लगाकर, पवित्र धागा बांधकर और ‘रुद्राक्ष’ पहनकर हिंदू लड़कियों के साथ संबंध बनाते हैं। वे लड़कियों से शादी करते हैं और फिर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करते हैं। धर्म परिवर्तन करने से मना करने पर कई लड़कियों को मार दिया जाता है।”
उन्होंने कहा कि संगठित समूह ‘लव जिहाद’ के मामलों में मिलकर एक साथ काम कर रहे हैं और मुस्लिम मौलवी भी इस साजिश का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें सामने आई हैं कि ऐसे मामलों के लिए फंडिंग भी होती है और फंडिंग को रोकना महत्वपूर्ण है।
यह भी पढ़ें: कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ फ्रांस का पुरजोर समर्थन कर रहा भारत
महंत ने हिंदू लड़कियों से अपने माता-पिता की पसंद के परिवारों में शादी करने की अपील की और अगर उन्हें प्यार हो जाता है, तो उन्हें शादी से पहले अपने माता-पिता को सूचित करने के बारे में भी कहा।
परिषद प्रमुख ने कहा कि अभ्यास पर अंकुश लगाने के लिए योगी आदित्यनाथ ने जो भी कदम उठाए, उसमें पूरा हिंदू संत समुदाय उनका समर्थन करेगा।(आईएएनएस)