यह कहना गलत है कि केंद्र ने कोविड टीकाकरण पर खर्च का प्रावधान नहीं किया : वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि केंद्र द्वारा बजट में दिखाए गए 35,000 करोड़ रुपये को वास्तव में कोविड टीकों की खरीद के लिए इस्तेमाल किया गया है।

Covid vaccination in india Ministry of finance india
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीथारमन।(Wikimedia Commons)

वित्त मंत्रालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि केंद्र द्वारा बजट में दिखाए गए 35,000 करोड़ रुपये को वास्तव में कोविड टीकों की खरीद के लिए इस्तेमाल किया गया है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह कहना तथ्यात्मक रूप से गलत है कि केंद्र सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण पर खर्च के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। राज्यों को हस्तांतरण शीर्षक के साथ अनुदान संख्या 40 के लिए मांग के तहत 35,000 करोड़ रुपये की राशि दिखाई गई है। टीके वास्तव में इस खाते के माध्यम से केंद्र द्वारा हासिल किए और खरीदे जा रहे हैं।

वित्त मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण टीकाकरण वित्त पोषण को लेकर एक मीडिया रिपोर्ट में सवाल उठाए जाने के बाद सामने आया है।

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, इस अनुदान की मांग के उपयोग के कई प्रशासनिक फायदे हैं। सबसे पहले, क्योंकि टीका पर खर्च स्वास्थ्य मंत्रालय की केंद्र द्वारा प्रायोजित सामान्य योजनाओं के बाहर होने वाला एक-व्यय है, अलग-अलग धन इन कोषों की आसान निगरानी और प्रबंधन सुनिश्चित करता है। साथ ही, इस अनुदान को अन्य मांगों पर लागू होने वाले तिमाही व्यय नियंत्रण प्रतिबंधों से मुक्त रखा गया है।

Mass vaccination threat in india
टीकाकरण कार्यक्रम में बाधा न आए यह सुनिश्चित किया जा रहा है।(Pixabay)

मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि टीकाकरण कार्यक्रम में कोई बाधा न आए। टीकाकरण के लिए राज्यों को हस्तांतरण के तहत प्रदान की गई राशि वास्तव में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है। राज्यों को अनुदान के रूप में टीके दिए जाते हैं और राज्यों द्वारा टीकों का वास्तविक प्रशासन किया जाता है। इसके अलावा, अनुदान के प्रकार और अन्य रूपों में अनुदान के बीच योजना की प्रकृति को बदलने के लिए पर्याप्त प्रशासनिक लचीलापन है।

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इसलिए, जैसा कि खबर में ही बताया गया है, टीकाकरण के लिए धन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बजट वर्गीकरण वास्तव में कोई मायने नहीं रखता है। राज्यों को हस्तातंरण शीर्षक वाली मांग के उपयोग का अर्थ यह नहीं है कि केंद्र द्वारा व्यय नहीं किया जा सकता है।(आईएएनएस-SHM)

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