उत्तर प्रदेश के शहरी युवाओं को अब प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) में शामिल होने का मौका मिल सकेगा। प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) की स्थापना ग्रामीणों के बीच आत्म-विश्वास और सांप्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए की जाएगी, जो आत्म-निर्भरता और अनुशासन की भावना को विकसित करने और आत्म-सुरक्षा और अपराध को नियंत्रित करने का काम करेंगे।
राज्य सरकार अब लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के दस बड़े शहरों में पीआरडी की शहरी कंपनियों का गठन कर रही है। इससे पहले, पीआरडी अनिवार्य रूप से ग्रामीण आधारित था और केवल ग्रामीण युवाओं को इसमें शामिल होने का मौका दिया गया था। सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, पहले चरण में, कुल 1,050 युवाओं को इनरॉल किया जाएगा और ग्रामीण कंपनी की तरह ही पीआरडी की प्रत्येक शहरी कंपनी में 105 युवा होंगे। इसमें कंपनी के एक सेक्शन में 11 महिलाओं को इनरॉल किया जाएगा। 11 महिलाओं का इनरॉलमेंट यहां अनिवार्य कर दिया गया है। शहरी कंपनियों कर गठन लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, कानपुर, मुरादाबाद और गोरखपुर में किया जाएगा।
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शहरी कंपनियों के लिए नामांकन
युवा कल्याण और पीआरडी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और महानिदेशक डिंपल वर्मा ने कहा, “हमने यह प्रस्ताव सरकार को भेजा था और मंजूरी मिलने के बाद, हमने शहरी कंपनियों के लिए नामांकन शुरू कर दिया है। अभी तक प्रत्येक कंपनी में 20 युवाओं का चयन और इनरॉलमेंट किया गया है। इसे भविष्य में बढ़ाया जाएगा।”चयन के बाद, युवाओं को 22-दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, उन्हें उनके ड्यूटी के साथ समय-समय पर 15-दिन का रिफ्रेशर ट्रेनिंग भी दिया जाता है। वर्तमान में, लगभग 45,000 युवा (पुरुष और महिला -18 से 60 आयु वर्ग के) राज्य के पीआरडी में इनरॉल हैं। (आईएएनएस)