गंगा की अविरलता के साथ यमुना का ई-फ्लो ड्रीम प्रोजेक्ट : रतनलाल कटारिया

केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता एवं जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने शुक्रवार को कहा कि गंगा की अविरलता और निर्मलता के साथ-साथ यमुना का ई-फ्लो बनाना एक ड्रीम प्रोजेक्ट है और इस प्रोजेक्ट पर उनका मंत्रालय विचार कर रहा है।

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नमामि गंगे की प्रगति को उत्साहवर्धक बताते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता एवं जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने शुक्रवार को कहा कि गंगा की अविरलता और निर्मलता के साथ-साथ यमुना का ई-फ्लो बनाना एक ड्रीम प्रोजेक्ट है और इस प्रोजेक्ट पर उनका मंत्रालय विचार कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री कटारिया ने कहा, “एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने भी बार-बार कहा है कि यमुना के भी ई-फ्लो को बनाया जाए। देश की राजधानी दिल्ली यमुना के किनारे अवस्थित है और यमुना के तट पर आगरा भी है, जहां ताजमहल है। इसलिए हमारा यह ड्रीम प्रोजेक्ट है कि यमुना का भी ई-फ्लो बने।”

रतनलाल कटारिया हरियाणा के अंबाला से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद हैं। यमुना का ई-फ्लो बनाने के ड्रीम प्रोजेक्ट के संबंध में उन्होंने यहां आईएएनएस से कहा, “मेरे लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हथिनी कुंड बराज से पांच राज्यों को पानी मिलता है और अभी इस बराज से यमुना में थोड़ा ही पानी छोड़ा जा रहा है। हमारी कोशिश तीन डैम बनाने की है जिनमें लखवाड़ डैम, किशाऊ डैम और रेणुका डैम शामिल हैं। इसके लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं।” 
 

Minister Rattan Lal Kataria
केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता एवं जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया  । (आईएएनएस)

कटारिया ने कहा कि इन तीनों डैम पर तेजी से काम शुरू करने की कोशिश की जा रही है और जब ये डैम बनकर तैयार हो जाएंगे तब कुछ पानी मिल जाएगा, जिससे यमुना में ई-फ्लो बनाने में कामयाबी मिल सकती है। जलशक्ति मंत्रालय की अहम योजना नमामि गंगे के संबंध में उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 300 से ज्यादा परियोजनाएं हैं, जिनमें से अधिकांश परियोनाएं पूरी हो चुकी हैं और इस योजना के नतीजे काफी शानदार हैं। उन्होंने कहा कि अबकी बार हरिद्वार में कुंभ के दौरान गंगा में निर्मल जल मिलेगा, जोकि नहाने के साथ-साथ पीने के काम भी आएगा। 

यह भी पढ़ें – अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थलों का नवीनीकरण कर रहा पाकिस्तान

नमामि गंगे योजना की प्रगति का जिक्र करते हुए हुए केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री ने कहा, “इसके तहत 325 परियोनाएं हैं। यह पूरी योजना 2,525 किलोमीटर की है और इसमें पांच राज्य आते हैं और योजना का अधिकांश काम पूरा हो गया है।” कटारिया ने बताया कि कानपुर के पास गंगा में प्रदूषण काफी बढ़ जाता था, जहां कसाईखाना की दरुगध आती थी, उससे आने वाली गंदगी के कारण गंगा की पवित्रता और निर्मलता बनाए रखना मुश्किल हो जाता था। उन्होंने कहा कि इसे दूर करने में काफी सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि वहां जो नाला था, उसे बंद कर दिया गया। कटारिया ने कहा कि समय-समय पर वह नमामि गंगे योजना की प्रगति का जायजा लेने के लिए दौरा करते रहे हैं। (आईएएनएस)
 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here