‘फाइजर-बायोएनटेक’ के बाद ‘एस्ट्रोजेनेका कोविड-19 वैक्सीन’ को मिली मंजूरी : डब्ल्यूएचओ

 विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एस्ट्रोजेनेका/ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 वैक्सीन के 2 वर्जन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। इसमें से एक का प्रोडक्शन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है। वहीं दूसरे वर्जन का प्रोडक्शन एस्ट्राजेनेका-एसकेबीओ (कोरिया गणराज्य) ने किया है। वैक्सीन को यह अप्रूवल मिलने का मतलब है कि अब कोवैक्स अभियान के तहत इसका इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जा सकेगा। साथ ही यह विभिन्न देशों को अपने देश में इस वैक्सीन के उपयोग की मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी लाने में मददगार साबित होगा।

सभी तक आसानी से उपलब्ध कराई जाएगी वैक्सीन । (Unsplash)

डब्ल्यूएचओ की असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल मारियांगेला सिमाओ ने अपने बयान में कहा, “ऐसे देश जिन्हें अब तक वैक्सीन नहीं मिले हैं, वे समान वैक्सीन वितरण के लिए शुरू की गई पहल कोवैक्स के तहत अपने स्वास्थ्य कर्मचारियों और आबादी के लिए टीकाकरण शुरू कर सकेंगे। फिर भी हमें कोशिश करनी चाहिए कि हर जगह प्राथमिकता वाली आबादी को आसानी से वैक्सीन उपलब्ध हो। इसके लिए हमें मैन्यूफेक्च रिंग क्षमता को बढ़ाने और वैक्सीन बनाने वालों को उनके वैक्सीन जल्द डब्ल्यूएचओ को सबमिट करने की जरूरत है ताकि उनका जल्द रिव्यू हो सके।”

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एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड के दोनों वैक्सीन के मामले में उनके लिए कोल्ड चेन की जरूरत, गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता का डेटा, रिस्क मैनेजमेंट जैसे तमाम पहलुओं का आंकलन किया है। इस पूरी प्रक्रिया में उसे 4 हफ्ते का समय लगा।

इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी थी। (आईएएनएस)

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