देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र, उनको पढ़ाने वाले अध्यापकों तथा वहां पर शोध कर रहे शोधकर्ताओं को अपने आविष्कारों के लिए पेटेंट दायर करने की शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए ही महर्षि भारद्वाज बौद्धिक सम्पदा शिक्षा अभियान की परिकल्पना की गई है।
इस अभियान के तहत आविष्कारों की सुरक्षा, प्रबंधन, दोहन और नवप्रवर्तन का लाभ उठाने के लिए इन्हें संरक्षित किया जाएगा और इनका पेटेंट कराया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर महर्षि भरद्वाज बौद्धिक सम्पदा शिक्षा अभियान लांच किया गया। यह अभियान 15 से 23 अक्टूबर के बीच चलाया जाएगा। इस अवसर पर नवाचार संस्थान परिषद इंस्टिट्यूट ऑफ इनोवेशन काउंसिल 2.0 की वार्षिक रेटिंग जारी करेगी और आईआईसी 3.0 भी लांच की जाएगी।
इस अभियान की शुरूआत करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, “भारत रत्न डॉ कलाम नवप्रवर्तन के प्रबल पक्षधर रहे हैं। ऐसे में उनके जन्मदिवस को नेशनल इनोवेशन डे के रूप में मनाया जाना तथा महर्षि भारद्वाज के नाम पर बौद्धिक संपदा अभियान प्रारंभ करना भारत की महान संस्कृति, सभ्यता को दर्शाता है। इसमें हम अपने पुरखों, अपने बुजुर्गों से लेकर अपने वर्तमान तक सभी का सम्मान और आदर करते हैं। हमने इस प्रतिष्ठित अभियान का नाम “विमान शास्त्र” के रचयिता महर्षि भारद्वाज जी के नाम पर रखा है, क्योंकि वे एक महान आविष्कारक थे। हम इस पहल को उनके प्रयासों के लिए समर्पित करना चाहते हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “एक डाटा के अनुसार 2017-18 में भारत से करीब 47,800 पेटेंट दायर किए गए थे, जिसमें से करीब 13,000 पेटेंट को मंजूरी मिली थी जबकि 2019-20 में 24,936 पेटेंट को मंजूरी मिली थी। भारत के 80 प्रतिशत उच्च शिक्षण संस्थाओं ने कभी भी पेटेंट के लिए आवेदन नहीं किया है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए आवेदन दायर करने की प्रक्रियाओं और प्रणाली के बारे में जागरूकता की भारी कमी है।”
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ऐसे में इस अभियान का लक्ष्य 10 हजार पेटेंट के लिए आवेदन करने का है। इससे देश भर के उच्च शिक्षण संस्थाओं में आईपी फाइलिंग का जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद मिलेगी।”
निशंक ने कहा, “इसके साथ ही हमारे शोध कार्यों और आविष्कारों को एक निश्चित दिशा मिलेगी। इससे छात्रों को भी अपने स्टार्टअप की सफलता के लिए आईपी रणनीति के महत्व को समझने के प्रति भी जागरूकता आएगी।
शिक्षा नीति में इस दिशा में कदम उठाया गया है। शिक्षा नीति के माध्यम से स्किल तथा वोकेशनल ट्रेनिंग के जरिए लगातार अपडेट और अपग्रेड करते रहने की संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें ‘जय अनुसंधान’ के विजन को आगे बढ़ाते हुए एनआरएफ की स्थापना की जाएगी। उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में एचईसीआई तथा एनईटीएफ जैसी बॉडी का गठन किया जाएगा, तो दूसरी ओर संस्थानों को स्वायत्त, पारदर्शी एवं उत्तरदाई बनाने की दिशा में भी प्रेरित किया जाएगा।
इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (नवप्रवर्तन प्रकोष्ठ) की अनूठी पहल इंस्टिट्यूशन इनोवेशन काउंसिल, आईआईसी 3.0 को लॉन्च किया। आईआईसी 3.0 के तहत 5000 उच्च शिक्षण संस्थानों में आईआईसी की स्थापना की जाएगी। (आईएएनएस)