भारतीय अर्थव्यवस्था के 6 स्तंभों पर बजट में विशेष जोर

कोविड महामारी की मार के बाद सरकार ने छह स्तंभों की पहचान की है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को नया आधार देंगे। ये स्तंभ हैं – स्वास्थ्य, पूंजी और बुनियादी ढांचे, समावेशी विकास, मानव संसाधन, नवाचार और न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन। केंद्रीय बजट 2021-22 को सोमवार को पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट इन छह स्तंभों पर आधारित है।

स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में निवेश में पर्याप्त वृद्धि हुई है जो बढ़कर 2.23 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पहले से 137 प्रतिशत ज्यादा है। वित्तमंत्री ने घोषणा की कि एक नई केंद्रीय योजना– ‘पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ स्वस्थ भारत योजना’ 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ छह सालों के लिए शुरू की जाएगी।

टीकों के लिए, 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। न्यूमोनिया रोधी वैक्सीन, जो कि भारत में निर्मित उत्पाद है, इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य सालाना 50,000 बच्चों की मौतों को रोकना है। बजट में जल आपूर्ति और स्वच्छ भारत मिशन के संपूर्ण कवरेज पर भी जोर दिया गया है।

बजट में स्वास्थय पर ध्यान दिया गया है।(Pixabay)

वित्तमंत्री ने घोषणा की कि जल जीवन मिशन (शहरी) को सभी 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में 2.86 करोड़ घरेलू नल कनेक्शनों के साथ 500 ‘अमृत’ शहरों में लॉन्च किया जाएगा। इसे 2.87 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय (आउटले) के साथ 5 वर्षों में लागू किया जाएगा। इसके अलावा, शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2021-2026 तक पांच वर्षों में कुल 1.41 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ लागू किया जाएगा।

भौतिक और वित्तीय पूंजी और बुनियादी ढांचे के दूसरे स्तंभ में कई प्रमुख क्षेत्र हैं, जिनमें आत्मानिभर भारत-उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना शामिल है। सीतारमण ने कहा कि विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए, 13 क्षेत्रों के लिए एक आत्मनिर्भर भारत के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की गई है। इसके लिए, सरकार ने लगभग 1.97 लाख करोड़ रुपये के व्यय का लक्ष्य रखा है।

कपड़ा उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए निवेश को आकर्षित करने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए, पीएलआई योजना के अलावा मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल्स पार्क की एक नई योजना शुरू की जाएगी। यह निर्यात में भारत को वैश्विक चैंपियन बनाने के लिए विश्वस्तर के बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगा। इस योजना के एक हिस्से के रूप में, तीन वर्षों में 7 टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे।

सीतारमण ने कहा कि बुनियादी ढांचे के लिए दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण की आवश्यकता है। एक पेशेवर रूप से प्रबंधित ‘विकास वित्तीय संस्थान’ (डीएफआई) बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए प्रदाता, प्रवर्तक और उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना आवश्यक है। डीएफआई स्थापित करने के लिए एक विधेयक पेश किया जाएगा। सरकार ने इस संस्था को भुनाने के लिए 20,000 करोड़ रुपये दिए हैं और इसे तीन वर्षों में 5 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है।

सीतारमण ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए 1.18 लाख करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ परिव्यय भी दिया है, जिसमें से 1.08 लाख करोड़ रुपये पूंजी के लिए है, जो अब तक का सबसे अधिक है।

Indian Roads
अधिक सड़कें और सुचारु परिवहन पर ध्यान दिया गया है।(Pixabay)

वितरण कंपनियों की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए वित्तमंत्री ने पांच वर्षो में 3.05 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ परिणाम-आधारित बिजली वितरण क्षेत्र योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा। यह योजना बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए डिस्कॉम को सहायता देगी, जिसमें प्री-पेड स्मार्ट मीटरिंग और फीडर सेपरेशन, सिस्टम का अपग्रेडेशन आदि शामिल है।

वित्तीय पूंजी के लिए, सीतारमण ने सेबी अधिनियम, 1992, डिपॉजिटरी अधिनियम, 1996, प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 और सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2007 के प्रावधानों को तर्कसंगत एकल प्रतिभूति बाजार संहिता में तब्दील करने का प्रस्ताव दिया।

एफडीआई के लिए एक अहम फैसले में, वित्तमंत्री ने बीमा अधिनियम, 1938 में संशोधन कर एफडीआई सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया और विदेशी स्वामित्व और सुरक्षा उपायों के साथ नियंत्रण की अनुमति दी। इसके तहत, बोर्ड में अधिकांश निदेशक और प्रमुख प्रबंधन व्यक्ति भारतीय होंगे, जिनमें कम से कम 50 प्रतिशत स्वतंत्र निदेशक होंगे और मुनाफे का एक अंश अलग से रखा जाएगा।

विनिवेश पर, वित्तमंत्री ने कहा कि बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल, पवन हंस और नीलाचलस्पत निगम लिमिटेड में विनिवेश 2021-22 तक पूरे हो जाएंगे। आईडीबीआई बैंक के अलावा, सरकार ने 2021-22 में दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव रखा है।

2021-22 में, सरकार एलआईसी में आईपीओ लाएगी, जिसके लिए बजट सत्र में ही संशोधन किए जाएंगे।

समावेशी विकास के लिए एस्पिरेशनल इंडिया के स्तंभ के तहत, वित्तमंत्री ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों, किसानों के कल्याण और ग्रामीण भारत, प्रवासी श्रमिकों और वित्तीय समावेश को कवर करने की घोषणा की।

किसानों को पर्याप्त ऋण देने के लिए, सरकार ने कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। इसी तरह, रूरल इन्फ्रास्ट्रक्च र डेवलपमेंट फंड का आवंटन 30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

यह बजट किसानों के हित में बताया जा रहा है।(फाइल फोटो)

वित्तमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 15,000 से अधिक स्कूलों का उन्नयन किया जाएगा।

नवाचार और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) में वित्तमंत्री ने कहा कि 2019 के अपने बजट भाषण में उन्होंने राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की घोषणा की थी और कहा था कि परिव्यय पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये का होगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि देश के समग्र अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत किया जाए।

यह भी पढ़ें: Union Budget 2021: बजट से फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल नाखुश

न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन (मिनिमम गर्वनमेंट, मैक्सिमम गवर्नेस) पर, वित्तमंत्री ने न्यायाधिकरण (ट्राइब्यूनल) में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाने का प्रस्ताव रखा और इसके अलावा न्यायाधिकरणों के कामकाज को तर्कसंगत बनाने के लिए और उपाय करने का प्रस्ताव दिया।(आईएएनएस)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here