स्मृति ईरानी ने साधा काँग्रेस पर निशाना, कहा- कांग्रेस के लिए वोट महत्वपूर्ण था मुस्लिम बहनों का जीवन नहीं

"माना जाता है कि महिलाओं की लड़ाई महिलाएं लड़ती हैं लेकिन हमारे देश का इतिहास रहा है, सभ्यता और परंपरा रही है कि जब तक कोई कुरीति समाज के सामने प्रस्तुत होती है, तो भाई भी अपना योगदान देने से चूकते नहीं।"

Smriti Irani talks to muslim women on 1 year of Triple Talaq abolition
स्मृति ईरानी, केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री (Image: Wikimedia Commons)

देश में तीन तलाक कानून लागू होने के एक साल पूरे होने पर शुक्रवार को मोदी सरकार के तीन केंद्रीय मंत्रियों ने देश भर की मुस्लिम महिलाओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित किया। मुस्लिम महिला अधिकार दिवस पर बोलते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि 1980 के दशक में कांग्रेस के पास मुस्लिम बहनों के हक में फैसला करने का मौका था, लेकिन उनके लिए वोट ज्यादा महत्वपूर्ण था मुस्लिम बहनों का जीवन नहीं। स्मृति ईरानी ने कहा कि सही जंग उन बहनों ने लड़ी, जिन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिन्होंने इस नाइंसाफी से सभी के लिए जंग लड़ी। उन्होंने कहा कि आज का दिन सिर्फ मुसलमान बहनों का दिन नहीं है, बल्कि हर महिला का दिन है, जो चाहती है कि महिलाओं को हर दिन समाज में सम्मान मिले।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि माना जाता है कि महिलाओं की लड़ाई महिलाएं लड़ती हैं लेकिन हमारे देश का इतिहास रहा है, सभ्यता और परंपरा रही है कि जब तक कोई कुरीति समाज के सामने प्रस्तुत होती है, तो भाई भी अपना योगदान देने से चूकते नहीं।

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद और संसद के बाहर मुस्लिम महिलाओं के अधिकार के लिए जंग छेड़ दी। आज का दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देने का दिन है, जिनकी वजह से देश की मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से छुटकारा मिल सका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में 2014 से बड़े बदलाव लाने में सफल हुए हैं।

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साहसिक फैसले की वजह से तीन तलाक से मुस्लिम बहनों को छुटकारा मिल सका। तीन तलाक कानून लागू होने के बाद देश में तीन तलाक से जुड़े मामलों की संख्या में 82 प्रतिशत की कमी हुई है।

रविशंकर प्रसाद, नकवी और ईरानी ने इस दौरान वाराणसी, लखनऊ, मुंबई आदि स्थानों की मुस्लिम महिलाओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग से बात की। सभी महिलाओं ने तीन तलाक कानून को लेकर अपने अनुभव साझा किए।

-आईएएनएस

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