सुशांत मामले की जांच का हाल दाभोलकर हत्याकांड की जांच जैसा न हो : पवार

शरद पवार ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि यह (एसएसआर) जांच दाभोलकर हत्या मामले की तरह नहीं होगी। सीबीआई ने 2014 में इस मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन आज तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है।"

Sharad Pawar
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार।(Wikimedia Commons)

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने एक बड़ी टिप्पणी करते हुए गुरुवार को कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के मामले का हाल 2013 के नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड की तरह नहीं होनी चाहिए, जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अब तक नहीं सुलझा पाई है। दिवंगत अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता दाभोलकर को उनकी 7 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एनसीपी सुप्रीमो ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार सुशांत जांच में सीबीआई का सहयोग करेगी।

यह भी पढ़ें: सुशांत की बहन प्रियंका पर लगाया गया नशे में छेड़छाड़ का आरोप

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसी को सुशांत की जांच स्थानांतरित करने के बाद पवार ने अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह (एसएसआर) जांच दाभोलकर हत्या मामले की तरह नहीं होगी। सीबीआई ने 2014 में इस मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन आज तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है।”

Sushant Singh sister accused of molestation
सुशांत सिंह राजपूत (Twitter)

जाने-माने बुद्धिवादी और महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (एमएएनएस) के संस्थापक दाभोलकर की उनके पुणे स्थित घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

महाराष्ट्र पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद बॉम्बे उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए 2014 में इस मामले की जांच सीबीआई को दी थी।

एक बयान में दिवंगत दाभोलकर के बच्चों हमीद और मुक्ता ने तर्क दिया था कि सात साल बाद भी दाभोलकर की हत्या एक रहस्य है और “यह बहुत दुखद है कि सीबीआई जैसी एजेंसी जांच पूरी करने में सक्षम नहीं हो पाई।”

सीबीआई ।(Wikimedia Commons)

उन्होंने सीबीआई से भी साजिश के मास्टरमाइंडों का पता लगाने का आग्रह किया था वरना तर्कवादी विचारकों, कार्यकतार्ओं और पत्रकारों के लिए खतरा बना रहेगा।

पवार की इस टिप्पणी की निंदा करते हुए विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के विधायक अतुल भातलकर ने कहा कि एनसीपी नेता यह भूल गए कि उस समय राज्य में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार सत्ता में थी।

उन्होंने सवाल उठाया कि “तब मामले की जांच क्यों नहीं की गई? क्या पुलिस ने तब भी वही किया था जो अब (सुशांत मामले में) किया?”

इस मौके पर कई प्रमुख लोगों, अधिकारों और तर्कवादी कार्यकतार्ओं और सामाजिक हस्तियों ने दाभोलकर को पुणे में और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर श्रद्धांजलि अर्पित की।(IANS)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here