भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले बल्लेबाज सुरेश रैना की तारीफ की है और कहा है कि रैना कभी अपने लिए नहीं खेले बल्कि हमेशा देश के लिए खेले। रैना ने महेंद्र सिंह धोनी के साथ देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की घोषणा की थी।
मोदी ने रैना को संबोधित करते हुए एक पत्र में लिखा, “15 अगस्त को आपने वो फैसला किया जो निश्चित तौर पर आपके जीवन का सबसे मुश्किल फैसला रहा होगा। मैं संन्यास शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहता क्योंकि आप संन्यास लेने के लिए काफी युवा और ऊजार्वान थे।”
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उन्होंने लिखा, “क्रिकेट के मैदान पर एक बहुत यादगार सफर के बाद आप अपने जीवन की दूसरी पारी के लिए तैयारी कर रहे हो।”
33 साल के रैना ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री का धन्यवाद दिया।
रैना ने लिखा, “जब हम खेलते हैं तब हम अपने देश के लिए अपना खून पसीना लगा देते हैं। आपके देश के लोग और आपके देश का प्रधानमंत्री जब आपको प्यार दे तो इससे बड़ी शाबाशी कुछ नहीं हो सकती। आपकी तारीफ और शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया नरेंद्र मोदी जी। मैं इन्हें कृतज्ञता के साथ ग्रहण करता हूं।”
इससे पहले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी प्रधानमंत्री द्वारा उन्हे लिखा गया ख़त ट्वीटर पर साझा किया था।
रैना ने 13 साल में भारत के लिए 18 टेस्ट, 226 वनडे और 78 टी-20 मैच खेले हैं।
प्राधनमंत्री ने लिखा, “आपने क्रिकेट को जिया है। आपकी खेल में दिलचस्पी मुरादनगर की गलियों से जीवन के शुरुआती पलों में ही शुरू हो गई थी और फिर आपने लखनऊ के मैदान पर अपने पैर जमाए। वहां से आपका सफर बेहद शानदार रहा है जिसमें सबसे अहम भारत का प्रतिनिधित्व करना शामिल है- उस देश का जिसे आप बहुत प्यार करते हैं।”
मोदी ने अपने पत्र में लिखा, “पीढ़ियां न सिर्फ आपको एक अच्छे बल्लेबाज के रूप में याद करेंगी बल्कि एक उपयोगी गेंदबाज के तौर पर भी आपकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकेगा। आप एक ऐसे गेंदबाज थे जिस पर कप्तान मुश्किल समय में भरोसा कर सकता था। आपकी फील्डिंग भी बेहतरीन थी। इस दौर के कुछ सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय कैचों में आपका नाम आता है। आपने अपनी फील्डिंग से जितने रन बचाए हैं उनका हिसाब करने में काफी दिन बीत जाएंगे।”
रैना भारत की पुरुष टी-20 की कप्तानी करने वाले सबसे युवा कप्तान थे। वह भारत की उस टीम का भी हिस्सा थे जिसने पहला अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच खेला था।
मोदी ने लिखा, “एक बल्लेबाज के तौर पर अपने तीनों प्रारूपों में अपनी अलग पहचान बनाई खासकर टी-20 क्रिकेट में। यह आसान प्रारूप नहीं है। आपकी फुर्ती और सतर्कता इस प्रारूप के लिए सम्पत्ति थी।”
रैना 2011 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे। उन्होंने पूरे विश्व कप में अपनी बल्लेबाजी से टीम में खासा योगदान दिया था।
प्राधनमंत्री ने लिखा, “भारत 2011 विश्व कप में आपके रोल को नहीं भूल सकता, खासकर बाद के मैचों में। मैंने आपको मोटेरा स्टेडियम में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए क्वार्टरफाइनल मैच में देखा था। आपकी पारी ने टीम की जीत में अहम रोल निभाया था।”
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उन्होंने कहा, “मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि प्रशंसक आपकी खूबसूरत कवर ड्राइव को मिस करेंगे, जिसको मैंने उस दिन अपनी आंखों से देखा था।”
प्रधानमंत्री ने लिखा, खिलाड़ियों की प्रशंसा मैदान के अलावा मैदान के बाहर भी होती है। आपका जुझारूपन कई युवाओं को प्ररेणा देगा। अपने क्रिकेट करियर के दौरान, आपने चोट और अन्य चुनौतियों का सामना किया लेकिन हर बार चुनौतियों से पार पाई।’
उन्होंने आगे लिखा, “सुरेश रैना हमेशा टीम भावना के साथ खेले। आपने निजी रिकॉर्ड के लिए नहीं बल्कि टीम और भारत के के लिए खेला। मैदान पर आपका जुझारूपन कमाल रहता था और हमने देखा भी कि विपक्षी टीम के विकेट पर आपका जश्न अलग ही होता था।”
मोदी ने अपने पत्र के अंत में रैना के महिला सशक्तिकरण, स्वच्छ भारत अभियानों में किए गए समर्थन की भी तारीफ की।
उन्होंने लिखा, “समाज के प्रति आपकी चिंता और सहानुभूति कई मौकों पर देखी गई है। आपने महिला सशक्तिकरण और स्वच्छ भारत का समर्थन कर जरूरतमंदों की मदद की।”
उन्होंने लिखा, “मैं इस बात से काफी खुश हूं कि आप भारत के सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में आप जो भी करेंगे उसमें आप आप उतने ही सफल होंगे जितने क्रिकेट में है, यह मुझे भरोसा है।”
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उन्होंने लिखा, “मुझे उम्मीद है कि आप इस समय का उपयोग प्रियंका, ग्रासिया और रियो के साथ अच्छा समय बिता कर करेंगे।”
मोदी ने अंत में लिखा, “भारत को खेल में एक लीडर बनाने के लिए आप जो कर सकते थो वो करने के लिए शुक्रिया।”(आईएएनएस)