भारतीय रेलवे को 508 किलोमीटर लंबे अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए गुजरात और महाराष्ट्र में सभी अपेक्षित वन्यजीव, वानिकी और तटीय विनियमन क्षेत्र की मंजूरी मिल गई है। यहां एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ वी.के. यादव ने कहा, “गुजरात और महाराष्ट्र राज्य में आवश्यक वन्यजीव, वानिकी और तटीय विनियमन क्षेत्र की मंजूरी प्राप्त कर ली गई है।” उन्होंने कहा कि 1,651 यूटिलिटी में से 1,070 को हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है।
यादव ने आगे कहा कि रेलवे को बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए आवश्यक भूमि का 67 प्रतिशत हिस्सा मिला है। गुजरात में अधिग्रहित भूमि के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वहां 956 हेक्टेयर में से 825 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जो कि 86 प्रतिशत है।
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इसके अलावा यादव ने कहा कि महाराष्ट्र में 432 हेक्टेयर भूमि में से 97 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जो कि आवश्यक भूमि का केवल 22 प्रतिशत है। जबकि दादरा और नगर हवेली में आठ हेक्टेयर भूमि में से सात हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। यादव ने आगे कहा कि रेलवे ने महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए गुजरात में 32,000 करोड़ रुपये की निविदाएं मंगाई हैं।
1.08 लाख करोड़ रुपये की परियोजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 14 सितंबर, 2017 को महत्वाकांक्षी 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 अरब डॉलर) की परियोजना की आधारशिला रखी थी।
महत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करने की प्रारंभिक समय सीमा दिसंबर 2023 है। बुलेट ट्रेनों के लगभग दो घंटे में 508 किलोमीटर की दूरी को कवर करते हुए 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की उम्मीद है। इसकी तुलना में वर्तमान में मार्ग पर चलने वाली ट्रेनों को दूरी तय करने में सात घंटे लगते हैं, जबकि उड़ानों में लगभग एक घंटे का समय लगता है। (आईएएनएस)