राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को दशहरा की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने त्यौहार से राष्ट्र में शांति, सद्भाव और समृद्धि लाने की कामना करते हुए देश की जनता से कोरोना महामारी के कारण जरूरी सावधानियों भी बरतने की अपील की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यह पर्व अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है और पूरे भारत में इसे अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने वाला यह पर्व हमें एक दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहने, सदाचार के मार्ग पर चलने और बुराइयों से बचने का संदेश देता है। यह पर्व मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन से भी जुड़ा है। उनके जीवन से हमें नैतिकता और मर्यादा के पालन का संदेश भी मिलता है।
राष्ट्रपति ने कहा, “मेरी कामना है कि हर्ष और उल्लास का पर्व दशहरा, देशवासियों को महामारी के प्रभाव से बचाकर देश में खुशहाली और समृद्धि लाए।”
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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि देशभर में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाने वाला, दशहरा पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर के रूप में समाज की कुवृत्तियों के विनाश का उत्सव है। यह त्योहार हमें भगवान राम के मयार्दापूर्ण जीवन की याद दिलाता है, वे एक आदर्श पुत्र, आदर्श पति और आदर्श राजा हैं और धर्म, सत्य, न्याय व नैतिकता के प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा, “दशहरा, परिजनों और स्वजनों से मिलने और उत्सव मनाने का अवसर होता है। लेकिन इस साल, कोविड 19 वैश्विक महामारी के कारण, मैं सभी नागरिकों से यह आग्रह करता हूं कि वे स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रोटोकॉल और निर्देश का सख्ती से पालन करते हुए दशहरे को पारंपरिक श्रद्धा के साथ सादगी से मनाएं। यह त्योहार राष्ट्र में शांति, सद्भाव और समृद्धि लाए।”(आईएएनएस)