विश्व युवा कौशल दिवस पर किया युवाओं को संबोधित किया पीएम मोदी ने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर देशभर के युवाओं को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा,विश्व युवा कौशल दिवस पर सभी युवा साथियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

world youth skills day
देश के यूवा सांकेतिक इमेज(Wikimedia Commons)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर देशभर के युवाओं को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा,विश्व युवा कौशल दिवस पर सभी युवा साथियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। यह दूसरी बार है जब कोरोना महामारी के बीच हम ये दिवस मना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व युवा कौशल दिवस इस वैश्विक महामारी की चुनौतियों ने की अहमियत को कई गुना बढ़ा दिया है। एक और बात जो महत्वपूर्ण है, वो ये कि हम इस समय अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं। 21 वीं सदी में पैदा हुए आज के युवा, भारत की विकास यात्रा को आजादी के 100 वर्ष तक आगे बढ़ाने वाले हैं। इसलिए नई पीढ़ी के युवाओं का कौशल विकास एक राष्ट्रीय जरूरत है, आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा आधार है। बीते 6 वर्षों में जो आधार बना, जो नए संस्थान बने, उसकी पूरी ताकत जोड़कर हमें नए सिरे से कौशल इंडिया मिशन को गति देनी ही है।

पीएम मोदी ने कहा, जब कोई समाज कौशल को महत्व देता है तो समाज की कौशल क्षमता बेहतर भी होती है, उन्नति भी होती है। दुनिया इस बात को बखूबी जानती भी है। लेकिन भारत की सोच इससे भी दो कदम आगे की रही है। हमारे पूर्वजों ने कौशल को महत्व देने के साथ ही उन्होंने इसे उल्लास भी किया, कौशल को समाज के उल्लास का हिस्सा बना दिया। आप देखिए, हम विजयदशमी को शस्त्र पूजन करते हैं। अक्षय तृतीया को किसान फसल की, कृषि यंत्रों की पूजा करते हैं। भगवान विश्वकर्मा की पूजा तो हमारे देश में हर कौशल, हर शिल्प से जुड़े लोगों के लिए बहुत बड़ा पर्व रहा है। हमारे यहां शास्त्रों में निर्देश दिया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, विवाहदिषु यज्ञषु, गृह आराम विधायके। सर्व कर्मसु सम्पूज्यो, विश्वकर्मा इति श्रुतम॥

अर्थात, विवाह हो, गृहप्रवेश हो, या कोई और यज्ञ कार्य सामाजिक कार्य हो, इसमें भगवान विश्वकर्मा की पूजा, उनका सम्मान जरूर किया जाना चाहिए। विश्वकर्मा की पूजा यानि समाज जीवन में अलग-अलग रचनात्मक कार्य करने वाले हमारे विश्वकमार्ओं का सम्मान, कौशल का सम्मान है। लकड़ी के कारीगर, मेटल्स का काम करने वाले, सफाईकर्मी, बगीचे की सुंदरता बढ़ाने वाले माली, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार, हाथ से कपड़ा बुनने वाले बुनकर साथी, ऐसे कितने ही लोग हैं जिन्हें हमारी परंपरा ने विशेष सम्मान दिया है।

पीएम ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि महाभारत के भी एक श्लोक में कहा गया है, विश्वकर्मा नमस्तेस्तु, विश्वात्मा विश्व संभव॥

प्रधानमंत्री मोदी सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष prime minister modi president of somnath temple trust
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (PIB)

अर्थात, जिनके कारण विश्व में सब कुछ संभव होता है, उन विश्वकर्मा को नमस्कार है। विश्वकर्मा को विश्वकर्मा कहा ही इसलिए जाता है क्योंकि उनके काम के बिना, कौशल के बिना समाज का अस्तित्व ही असंभव है। लेकिन दुर्भाग्य से गुलामी के लंबे कालखंड में कौशल विकास की व्यवस्था हमारे सोशल सिस्टम में, हमारे एजुकेशन सिस्टम में धीरे-धीरे कमजोर पड़ती गई।

पीएम मोदी ने कहा, एजुकेशन अगर हमें ये जानकारी देती है कि हमें क्या करना है, तो कौशल हमें सिखाती है कि वो काम वास्तविक स्वरूप में कैसे होगा। देश का ‘कौशल इंडिया मिशन’ इसी सच्चाई, इसी जरूरत के साथ कदम से कदम मिलाने का अभियान है। मुझे खुशी है कि ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ के माध्यम से अब तक सवा करोड़ से अधिक युवाओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

प्रधानमंत्री ने कहा,मैं एक और वाकये के बारे में आपको बताना चाहता हूं। एक बार कौशल विकास को लेकर काम कर रहे कुछ अफसर मुझसे मिले। मैने उनसे कहा कि आप इस दिशा में इतना काम कर रहे हैं, क्यों न आप ऐसे कौशल की एक लिस्ट बनाएंगे, जिनकी हम अपने जीवन में सेवाएं लेते हैं। आपको हैरानी होगी, जब उन्होंने सरसरी नजर से लिस्टिंग की तो ऐसी 900 से ज्यादा कौशल निकली, जिनकी हमें अपनी आवश्यकताओं के लिए जरूरत होती है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कौशल विकास का काम कितना बड़ा है।

पीएम मोदी ने कहा कि बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स आज अनुमान लगा रहे हैं कि जिस तरह तेजी से तकनीक बदल रही है, आने वाले 3-4 वर्षों में बहुत बड़ी संख्या में लोगों को पुन कौशल की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए भी हमें देश को तैयार करना होगा।

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पीएम ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने युवाओं की, कमजोर वर्ग की कौशलता पर बहुत जोर दिया था। आज कुशल इंडिया के जरिए देश बाबा साहब के इस दूरदर्शी स्वप्न को पूरा करने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है। उदाहरण के तौर पर, आदिवासी समाज के लिए देश ने ‘गोइंग आनलाईन एस लीडर्स’ प्रोग्राम शुरू किया है। ये प्रोग्राम पारंपरिक स्किल्स के क्षेत्रों, जैसे कि आर्ट हो, कल्चर हो, हैंडीक्राफ्ट हो, टेक्सटाइल हो, इनमें आदिवासी भाई-बहनों की डिजिटल लिटरेसी और कौशल में मदद करेगा।(आईएएनएस-PS)

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