प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के तीसरे लीडरशिप शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत ग्लोबल सप्लाई चेन के केंद्र में भारत को एक निष्क्रिय विनिर्माण केंद्र से एक सक्रिय विनिर्माण केंद्र में बदलने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “1.3 अरब भारतीयों ने आत्मनिर्भर भारत को एक मिशन के रूप में लिया है। आत्मनिर्भर भारत लोकल को ग्लोबल से जोड़ता है। भारत ने दिखाया है कि हमारे लक्ष्य ग्लोबल हैं। भारत एक पारदर्शी और पूवार्नुमानित कर व्यवस्था प्रदान करता है। हमारा सिस्टम ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करता है और उनका समर्थन करता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस महामारी ने दुनिया को यह भी दिखाया है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को विकसित करने का निर्णय लागत ही नहीं, बल्कि भरोसे पर आधारित होना चाहिए। कंपनियां अब विश्वसनीयता और नीतिगत स्थिरता की भी तलाश कर रही हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान भारत में कोरोना काल में जनहित में संचालित योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में रिकॉर्ड समय में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया गया। कोविड अस्पताल, आईसीयू की सुविधाएं बढ़ाई गईं। जनवरी में सिर्फ एक कोविड टेस्टिंग लैब थी, इस समय देश में करीब 16 सौ लैब हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मौजूदा स्थिति मानव केंद्रित विकास की जरूरत पर बल देती है। अब नए माइंड सेट की दरकार है।(आईएएनएस)