संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रहने वाले एक प्रवासी भारतीय ने अपने नियोक्ता के फर्जी हस्ताक्षर किए। उसे दुबई में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। आरोप है कि प्रवासी भारतीय ने दो साल के दौरान कम से कम 47 बार अपने मालिक के हस्ताक्षर कर 447,000 दिरहम अपने व्यक्तिगत खाते में स्थानांतरित कर लिए। मीडिया ने यह जानकारी दी। गल्फ न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, जेल अवधि के अलावा, मूल रूप से गुजरात के रहने वाले आरोपी को 471,202 दिरहम का जुर्माना भी भरने के लिए कहा गया है। व्यक्ति पर उसके नियोक्ता की चेकबुक चुराने का भी आरोप है।
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नियोक्ता किशनचंद भाटिया के अनुसार, आरोपी पिछले आठ वर्षो से एक प्रशासनिक कर्मचारी के रूप में उनकी दुबई स्थित कंपनी, ट्रांसकॉन्टिनेंटल इंडेंटिंग में काम कर रहा था और कंपनी की चेकबुक तक उसने पहुंच बना ली थी। अदालत के रिकॉर्ड से पता चला है कि आरोपी ने दुबई में एक बैंक के व्यक्तिगत बचत खाते में व्यवस्थित रूप से धन स्थानांतरित करने के लिए 47 बार खाता-भुगतान चेक पर हस्ताक्षर किए थे। यूएई में पांच दशकों से अधिक समय से रह रहे भाटिया ने कहा कि इस साल अक्टूबर में उसे इस चोरी का पता चला था। (आईएएनएस)