ईरान के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि इस्लामिक रिपब्लिक का नए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन के साथ कोई संपर्क नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई भी संभावित वार्ता केवल 2015 के तेहरान और दूसरे प्रमुख देशों के बीच बहुपक्षीय परमाणु समझौते के ‘सही प्रारूप’ के इर्द गिर्द की हो सकती है। प्रेस टीवी ने ईरान के राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री अब्बास अरकची के हवाले से कहा, फिलहाल, हमें संपर्क बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है और हमें लगता है कि संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) सही प्रारूप है, और उस रूपरेखा में बातचीत की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ईरान की बाइडेन प्रशासन से मांगें जायज हैं — वाशिंगटन द्वारा प्रतिबंध हटाना और परमाणु समझौते पर लौटना है।
अब्बास अरकची ने आगे कहा, मैं अन्य विकल्प नहीं देखता। हमने अच्छे विश्वास में बातचीत की थी और अच्छे विश्वास में जेसीपीओए को लागू किया था। यह अब नए (यूएस) प्रशासन पर निर्भर है कि वे अपने पूर्ववर्तियों की गलतियों को सुधारे। अमेरिका ने एकतरफा समझौते को खत्म किया है। यह उन्हें तय करना है कि वो क्या चाहते हैं। हम जेसीपीओए के अनुसार अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए तैयार हैं बशर्ते कि अमेरिकी अपने दायित्वों को पूरा करें और प्रतिबंधों को हटाएं।
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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2018 में जेसीपीओए से एकतरफा हाथ खींच लिए थे। अमेरिका के समझौते से बाहर निकलने के बाद ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन स्तर और भारी पानी और कम समृद्ध यूरेनियम के भंडारण पर जेसीपीओए-निर्धारित सीमाओं को पार कर लिया है। ईरान ने अपने परमाणु अनुसंधान और विकास गतिविधियों पर जेसीपीओए सीमाओं को भी हटा लिया है। (आईएएनएस)