उत्तर प्रदेश (Uttar Pardesh) में मथुरा मस्जिद के जमीन के मामले में एक नई याचिका दायर की गई है। इसमें कोर्ट से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) (एएसआई) या ऐसे ही किसी सक्षम अथॉरिटी से आगरा (Agra) के लाल किले के दीवान-ए-खास के बगल में छोटी मस्जिद के नीचे से खुदाई कराने की मांग की गई है, जहां मुगल शासक औरंगजेब ने 1669 में भगवान कृष्ण (Lord krishna) की मूर्ति को गाड़ दिया था।
गुरुवार को अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा दायर की गई इस याचिका में यह भी मांग की गई है कि बरामद की गई मूर्तियों को सुरक्षित तरीके से कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर में रखा जाए। अब अदालत इस मामले पर 19 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
इस याचिका में कहा गया है कि कई इतिहासकारों ने अपने लेखों में उल्लेख किया है कि मुगल शासक औरंगजेब मथुरा के केशवदेव जी (कृष्ण जन्मभूमि) मंदिर को ध्वस्त करने के बाद वहां कई मूर्तियां आगरा ले गए थे। बाद में, आगरा में लाल किले में छोटी मस्जिद के नीचे इन देवताओं को जमीन में गाड़ दिया गया था। इसमें कहा गया है, “औरंगजेब (Aurangzeb), उसके परिजन और इस्लाम के अनुयायियों द्वारा ऐसा करने के पीछे मकसद हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत करना था।”
इससे पहले भी सिंह ने अदालत में विवादित स्थल से संबंधित 4 याचिकाएं दायर कीं हैं। इनमें कोर्ट कमिश्नर द्वारा जांच से पहले मस्जिद परिसर में यथास्थिति रखने, विवादित मस्जिद (Masjid) की जांच करने, मस्जिद प्रबंधन समिति को खारिज करने आदि की मांग की गई है।
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अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने याचिका को लेकर संवाददाताओं से कहा, “हमने लाल किले में मस्जिद के क्षेत्र की वैज्ञानिक तरीके से खोदने के लिए सक्षम अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।”
बता दें कि इस मुद्दे पर मथुरा की अदालतों में कुल 7 मुकदमे लंबित हैं, जिनमें से 6 सिविल कोर्ट में जबकि 1 जिला अदालत में है। (आईएएनएस-SM)