जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में, पहली बार 50 महिलाएं नेचर गाइड|

जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में एक नई पहल की जा रही है, जिसके अंतर्गत भारत में पहली बार किसी टाइगर रिजर्व में 50 महिलाएं नेचर गाइड के रूप में और 50 महिलाएं जिप्सी चालक के रूप में पर्यटकों को सफारी करवाएंगी।

जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व (Jim corbett tiger reserve) में एक नई पहल की जा रही है, जिसके अंतर्गत भारत में पहली बार किसी टाइगर रिजर्व में 50 महिलाएं (Womens) नेचर गाइड के रूप में और 50 महिलाएं जिप्सी चालक के रूप में पर्यटकों को सफारी करवाएंगी। नेशनल पार्क और वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी (wild life sanctuary) में कौशल विकास के माध्यम से 5 हजार युवकों और 5 हजार युवतियों को गाइड के रूप में तैयार किया जाएगा। कार्बेट टाइगर रिजर्व में अगले पर्यटन सत्र के लिए 50 अतिरिक्त जिप्सियों का पंजीकरण किया जाएगा। इनमें महिला जिप्सी चालक का पंजीकरण किया जाएगा। इन 50 जिप्सियों का संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जायेगा।

उतराखंड (Uttarakhund) के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath singh rawat) ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इन महिलाओं को ‘वीर चंद्र सिंह गढ़वाली’ योजना के अंतर्गत जिप्सी क्रय करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। रावत ने रविवार को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार ने वन और जन की दूरी कम करने की पहल की है।

उत्तराखंड सरकार के मुताबिक राज्य में वन संरक्षण एवं संवर्धन में राज्य की महिलाओं की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करने तथा इसके फलस्वरूप स्वरोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा।

जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व (Jim corbett tiger reserve) के अंतर्गत आमडंडा में जिम कार्बेट एवं वन्य जीवों पर आधारित ‘लाइट एंड साउंड शो’ (Light and Sound show) एवं एम्फीथिएटर की स्थापना की भी जाएगी। इसके लिए खनिज न्यास से 2 करोड़ रुपये, उत्तराखंड वन विकास निगम से 1 करोड़ रुपये और कार्बेट फाउंडेशन द्वारा 1 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। शेष आवश्यक धनराशि की व्यवस्था अन्य मदों से आवश्यकतानुसार की जाएगी।

विश्व स्तरीय वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर (wild life sanctuary) को बाघों के दर्शन के लिए पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। (Unsplash)

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कार्बेट नेशनल पार्क के डेला रेंज में निमार्णाधीन विश्व स्तरीय वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर (wild life sanctuary) को बाघों के दर्शन के लिए पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। रामनगर के उत्तरी छोर में कोसी नदी (Kosi river) की बाढ़ से सुरक्षा हेतु तटबंध का निर्माण किया जाएगा।

कॉर्बेट के हित में कई निर्णय लिए गए हैं। महिलाओं को नेचर गाइड (Nature guide) बनाने का हिंदुस्तान में पहला प्रयोग है। प्रशासन के मुताबिक इसके माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। आज महिलाएं 25 हजार रूपए महीना कमा रही हैं और यह तो सिर्फ शुरूआत है। इंस्टीट्यूट में नेचर गाइड की निशुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी और कई और लोगों को रोजगार मिलेगा।

उतराखंड के वन अधिकारियों ने बताया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के लिए इस टूरिज्म (Tourism) सत्र में 73 नेचर गाइडों का चयन कर 15 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिनमें 8 महिला नेचर गाइडों को भी शामिल किया गया।

जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व के ईको टूरिज्म की गतिविधियों में पहली बार महिलाएं सम्मिलित हुई हैं। प्रत्येक नेचर गाइड को 700 रूपए प्रति पाली आय पर्यटकों से प्राप्त होती है तथा प्रत्येक माह लगभग 25 हजार रूपए आमदनी होती है।

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गर्जिया पर्यटन जोन (Garjia zone) की स्थापना के लिए 60 जिप्सी चालकों का कार्बेट टाइगर रिजर्व ने रजिस्ट्रेशन किया है, जिससे इन्हें भी प्रत्यक्ष रूप से ईको (ECO) टूरिज्म गतिविधियों से रोजगार प्राप्त हो रहा है। इसके अतिरिक्त कार्बेट टाइगर रिजर्व में लगभग 100 नेचर गाइड (Nature guide) पूर्व से ही ईको टूरिज्म में अपना योगदान दे रहे हैं। (आईएएनएस-SM)

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