नार्को-नक्सल सिंडिकेट्स का पदार्फाश, अधिकारियों ने तस्करी वाले रेल मार्गों का पता लगाया

एजेंसियों ने रेलवे की बोगियों में, जहां ड्रग्स पैक किए जा रहे थे, उसका पता लगाया गया है। इसके अलावा नक्सलियों की भूमिका का भी पता चला है।

By: दीपक शर्मा

शीर्ष दवा सिंडिकेट्स के खिलाफ चल रहे सबसे बड़े गुप्त अभियानों में से एक में, सुरक्षा एजेंसियों ने देश के दो मार्गों में से एक का खुलासा किया है, जहां से उत्तर भारत में नई दिल्ली(New Delhi) और दक्षिण भारत में हैदराबाद(Hydrabad) के लिए नशीले पदार्थों(Drugs) की तस्करी की जा रही थी।

ओडिशा-आंध्र प्रदेश(Odisha-Andhra Pradesh) नक्सली(Naxalite) गलियारे में नक्सल समूहों और म्यांमार(Myanmar) से संचालित होने वाले ड्रग सिंडिकेट(Drugs Syndicate) द्वारा दोनों मार्गों का उपयोग किया जा रहा था।

नारकोड (नारकोटिक्स से संबंधित समन्वय एजेंसी) के साथ, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने ईस्ट कोस्ट रेलवे(East Coast Railways) और नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे(North Frontier Railways) पर काम कर रहे कई तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है।

RPF के महानिदेशक अरुण कुमार(Arun Kumar) ने आईएएनएस को बताया, हमारी विशेष खुफिया शाखा ने केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुख इनपुट विकसित किए और पता चला कि गिरोह नई दिल्ली(New Delhi) और हैदराबाद(Hydrabad) के लिए गुवाहाटी, भुवनेश्वर(Bhuvneshwar) और विशाखापत्तनम(Visakhapatnam) स्टेशनों से ड्रग्स(Drugs) अपलोड कर रहे थे। रेलवे की बोगियों में, जहां ड्रग्स पैक किए जा रहे थे, उसका पता लगाया गया है। इसके अलावा नक्सलियों(Naxalite) की भूमिका का भी पता चला है।

RPF द्वारा पहचाने गए ड्रग तस्करी(Drugs) के हॉटस्पॉट में से एक मलकानगिरी है, जो कि ओडिशा में नक्सलवाद(Naxalism) से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक है।

indian railways and drugs
रेलवे द्वारा की जा रही है ड्रग्स तस्करी।(फाइल फोटो)

ड्रग्स(Drugs) को पहले आंध्र प्रदेश(Andhra Pradesh) में तस्करी किया जा रहा था और बाद में विशाखापत्तनम(Visakhapatnam) रेलवे स्टेशन से अपलोड किया गया था। भुवनेश्वर(Bhuvneshwar) से विशाखापत्तनम(Visakhapatnam) मार्ग पर पिछले साल RPF ने 24 मामले दर्ज किए, 35 ड्रग पेडलर्स(Drugs Peddler) को गिरफ्तार किया और 91.27 लाख रुपये से अधिक की कीमत के नशीले पदार्थों(Drugs) को जब्त किया गया। यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है, जब कोविड(COVID-19) प्रतिबंधों के दौरान न्यूनतम रेल यातायात ही चालू था। इस दिशा में काम करते हुए दक्षिण मध्य रेलवे ने भी 32 मामले दर्ज किए और पिछले साल 17 ड्रग पेडलर्स को गिरफ्तार किया।

रिपोटरें में कहा गया है कि ओडिशा(Odisha), छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) और आंध्र प्रदेश(Andhra Pradesh) में नक्सल(Naxalite) समूह अपने कैडर को और आगे बढ़ाने और हथियार एवं गोला-बारूद(Explosive) खरीदने के लिए ड्रग मनी का इस्तेमाल करते हैं।

1985 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार ने कहा, काफी हद तक, हमने प्रमुख रेल मार्गों की पहचान की है और देश के विभिन्न हिस्सों में ड्रग्स(Drugs) के परिवहन के स्रोत का पता लगाया है। 11 अप्रैल 2019 को RPF को नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम के तहत ड्रग्स(Drugs) जब्त करने और तस्करी में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए अधिकार दिए गए हैं। नतीजे फलदायी रहे हैं।

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2019 के बाद से आरपीएफ ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत 1085 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है और 27 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग्स जब्त की हैं।

देश के पूर्वोत्तर भाग में, म्यांमार से संचालित अंडरवल्र्ड समूहों से जुड़े ड्रग सिंडिकेट्स पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के माध्यम से हिरोइन और अन्य नशीले पदार्थों की खेप को आगे बढ़ा रहे थे।

गुवाहाटी में एनएफआर मुख्यालय धीरे-धीरे इस गोरखधंधे का हब बन गया था, जहां से ड्रग्स को नई दिल्ली ले जाया जाता था और बाद में उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में वितरित किया जाता था। खुफिया एजेंसियों से इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और इनपुट के माध्यम से आरपीएफ की विशेष टीमों ने विशिष्ट जानकारी विकसित की और कई खेप जब्त की। पिछले दो वर्षों में, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के तहत क्षेत्र में एनडीपीएस के तहत 92 मामले दर्ज किए गए हैं।(आईएएनएस-SHM)

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