By : नवनीत मिश्र
देश में पहली बार संगठित और असंगठित दोनों सेक्टर में रोजगार की सही तस्वीर पता करने में केंद्र की मोदी सरकार जुट गई है। एक साथ पांच बड़े सर्वे से आंकड़े जुटाने के बाद सरकार नई राष्ट्रीय रोजगार नीति तैयार करेगी। रोजगार सेक्टर में सरकार का यह कदम बेहद क्रांतिकारी माना जा रहा है। हर सेक्टर में काम करने वालों के लिए सरकार उचित नीति बनाएगी। मोदी सरकार के इस बड़े मिशन में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का लेबर ब्यूरो आफ इंडिया जुट गया है।
लेबर ब्यूरो ऑफ इंडिया के महानिदेशक (डीजी) डीपीएस नेगी ने आईएएनएस को बताया, “लेबर ब्यूरो को पांच तरह के अखिल भारतीय सर्वेक्षणों की जिम्मेदारी मिली है। एक से डेढ़ महीने सर्वे में लगे कर्मियों की ट्रेनिंग होगी। फिर फील्ड सर्वे शुरू होगा। उम्मीद है कि सात महीने में फील्ड सर्वे कार्य पूरा हो जाएगा।”
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी रैंक के अफसर डीपीएस नेगी के मुताबिक लेबर ब्यूरो का यह सर्वे बहुत महत्वपूर्ण है। सर्वे से मिले आंकड़ों के आधार पर देश में एक ठोस राष्ट्रीय रोजगार नीति तैयार होगी।
Development is our aim.
Development is our religion. pic.twitter.com/xO7Goh8rc6
— Narendra Modi (@narendramodi) February 19, 2021
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सर्वे की खासियत
कोरोना काल में जिस तरह शहरों से गांवों की तरफ रिवर्स पलायन देखने को मिला, प्रवासी मजदूरों के मुद्दे ने पूरे देश का ध्यान खींचा, उसके कारण सरकार, प्रवासी श्रमिकों का अखिल भारतीय सर्वेक्षण कराने जा रही है। इसके आलावा चार तरह के और सर्वे होने हैं। इसमें घरेलू कामगारों, प्रोफेशनल की ओर से सृजित रोजगार और परिवहन के क्षेत्र में सृजित रोजगार का पूरे देश में लेबर ब्यूरो सर्वे करेगा।
खास बात है कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का लेबर ब्यूरो 10 से अधिक श्रमिकों और 10 से कम श्रमिकों वाले संस्थानों में रोजगार की सही तस्वीर पता लगाने के लिए भी अखिल भारतीय त्रैमासिक सर्वेक्षण भी शुरू करने जा रहा है। मंत्रालय के अफसरों के मुताबिक इस तिमाही सर्वेक्षण से असंगठित क्षेत्र में रोजगारों संख्या से संबंधित आंकड़ों की सही जानकारी पता चलेगी। मंत्रालय के अफसरों के मुताबिक सर्वे में सूचना एवं तकनीक का भरपूर इस्तेमाल होगा। जिससे सर्वे में समय कम लगेगा। (आईएएनएस )