मोदी सरकार देश में घरेलू जड़ी-बूटियों की खेती को बढ़ावा देने में जुटी हुई है। वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारत की घरेलू जड़ी-बूटियों की मांग बढ़ी है। केंद्र सरकार के मुताबिक, इसके लिए आयुष मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय आयुष मिशन नामक स्कीम भी चलाई जा रही है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से लोकसभा सांसद अजय मिश्र टेनी ने बीते बुधवार को लोकसभा में एक अतारांकित सवाल में पूछा था कि क्या सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में घरेलू जड़ी-बूटियों की मांग को देखते हुए, इसकी खेती को बढ़ावा देने की कोई योजना बनाई है? क्या जड़ी-बूटियों की खेती के लिए सहायता प्रदान करने की कोई योजना है? जिसका जवाब देते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन स्कीम के तहत औषधीय पादप घटक के तहत राज्यों के चुनिंदा जिलों में खेती के लिए सहायता प्रदान कर रहा है। इसे एक मिशन मोड में संचालित किया जा रहा है।
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उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत बाजार की मांग की स्थिति के आधार पर देश में खेती की लागत का 30 प्रतिशत, 50 प्रतिशत और 75 प्रतिशत की दर से सब्सिडी प्रदान की जाती है। स्कीम के तहत खेती के बारे में किसानों को जागरूक करने, बाजार संवर्धन, कृषक प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता दी जाती है। इस स्कीम के तहत वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक देश में 48379 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सहायता प्रदान की गई। वहीं योजना के तहत 2020-21 के लिए देश में जड़ी-बूटियों की खेती के लिए 16068.5 हेक्टेयर क्षेत्र कवर करने के लिए योजनाएं प्रस्तुत की गई हैं।
सरकार की ओर से आंध्र प्रदेश, अरुणाचल, असम, अंडमान और निकोबार, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में जड़ी-बूटी की खेती को बढ़ावा देने की तैयारी की गई है।(आईएएनएस)