प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड के बाद की दुनिया में ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर जोर दिया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोनावायरस या कोविड-19 महामारी एक ऐसी घटना है, जिसने भारत को अपनी ताकत का एहसास करने और इसे 'आत्मनिर्भर' बनने का अवसर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोविड के बाद की विश्व व्यवस्था में भारत की छवि को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के रूप में बदलने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में अपने विचार व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आजादी के 75 साल पूरे करने की कगार पर है और यह अगले 25 वर्षो को ध्यान में रखते हुए देश को तैयार करने का सही समय है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोनावायरस या कोविड-19 महामारी एक ऐसी घटना है, जिसने भारत को अपनी ताकत का एहसास करने और इसे ‘आत्मनिर्भर’ बनने का अवसर दिया है।

भारत की 100वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ से पहले उन्होंने सदन के सभी सांसदों से अनुरोध किया कि वे इस दिशा में काम करें, ताकि अगले 25 वर्षों के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिल सके।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बजट सत्र की शुरूआत में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति का संबोधन कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों के कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता का परिचय है।

प्रधानमंत्री ने धन्यवाद प्रस्ताव (मोशन ऑफ थैंक्स) पर 15 घंटे की लंबी बहस में हिस्सा लेने वाली महिला सांसदों की प्रशंसा भी की।

मोदी ने कहा, भारत ने अपनी 75 वर्षों के सफर में एक राष्ट्र के रूप में दुनिया में एक अच्छी छवि प्राप्त की है, जो दूसरों को मदद मुहैया करा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत न केवल अपनी मदद करने में सफल रहा, बल्कि इसने अन्य देशों की भी मदद की है।
 

द्वितीय विश्वयुद्ध का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देश ने शांति के बारे में बोलना शुरू किया और फिर अपनी सेना की ताकत बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड के बाद भारत नई विश्व व्यवस्था में एक शक्ति के रूप में उभरेगा।

मोदी ने कहा, कोरोना के बाद, दुनिया में एक नया वल्र्ड ऑर्डर तैयार हो रहा है, जिसमें भारत को अपनी जगह बनाने के लिए सशक्त होना पड़ेगा और उसी का रास्ता है आत्मनिर्भर भारत। हमारे लिए आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर भारत पर बल दें। आज भारत के हर कोने में ‘वोकल फॉर लोकल’ दिखाई दे रहा है।

कोविड-19 के खिलाफ भारत की सफलतापूर्वक लड़ाई के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 130 करोड़ नागरिकों को इसका श्रेय जाता है।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की टिप्पणी का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि वाकई सफाईकर्मी, डॉक्टर, नर्सें और तमाम कर्मचारी भगवान का रूप बन गए थे, इसीलिए देश कोरोना से बच पाया।

दरअसल, मोदी सरकार को घेरने के लिए मनीष तिवारी ने संसद में कहा था कि भगवान की कृपा रही, इसलिए भारत कोरोना महामारी से बच पाया। 

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महामारी के समय उत्पन्न हुए संकट के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब कई विकसित देश संकट के दौरान अपने अधिकांश नागरिकों तक पहुंचने में विफल रहे, वहीं भारत सुधार की प्रक्रिया को जारी रखने में कामयाब रहा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने इस कोविड संकट के दौरान 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को मुफ्त राशन प्रदान किया। हमने कई सुधारात्मक कदम उठाए और नतीजा यह है कि जीएसटी संग्रह अब तक का उच्चतम है।”

मोदी ने कहा कि कोरोना काल मे सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था की बेहतरीन के लिए कमद उठाए हैं और इन कदमों से देश का विकास दो डिजिट (दोहरे अंकों में) का होने वाला है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया ने कोविड-19 के बावजूद भारत की दो अंकों में वृद्धि का अनुमान लगाया है और भारत इसमें सफल भी होगा।

प्रधानमंत्री का संबोधन ऐसे समय में आया है, जब देश में कोविड-19 मामलों की कुल संख्या एक करोड़ आठ लाख 58 हजार से पार हो चुकी है। वहीं देशभर में अब तक संक्रमण की वजह से 1,55,252 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। देश में फिलहाल अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं और स्वास्थ्यकर्मियों को दो स्वदेशी वैक्सीन दी जा रही है। (आईएएनएस)

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