फिर बढे लॉकडाउन पर हो रहा विरोध, क्या अब यही है एकमात्र उपाय?

ग्रीन और ऑरेंज जोन में शराब के ठेके खोलने से लेकर गैर ज़रूरी सामानों की ऑनलाइन डिलीवरी पर से भी प्रतिबंध हटा लिए गए हैं।

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लॉकडाउन के दौरान हैदराबाद से तस्वीर (Source: Voice OF America)

लॉकडाउन को पूरे भारत में फिर से 2 हफ्तों के लिए बढ़ा कर 17 मई तक कर दिया गया है। लेकिन इस बार कई बदलाव के साथ। कई जगह पर छूट दिए गए हैं तो कहीं पर पाबंदी और बढ़ा दी गयी है।

ये बात सच है की 24 मार्च से लगे इस लॉकडाउन से लोग अब तंग आने लगे हैं, लेकिन इसमे भी कोई दो राय नहीं है की, अभी के समय में यही सबसे बेहतर उपाय है।लॉकडाउन 3.0 के साथ अच्छी बात ये है की, इस बार भी सरकार पूरी तैयारी के साथ नज़र आ रही है।

देश को 3 कलर जोन में बांट दिया गया है

गृह मंत्रलय द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक, देश को 3 कलर जोन में बांट दिया गया है। जिसमे हॉटस्पॉट वाले इलाके को रेड जोन बताया गया है, तो वहीं जहां संक्रम थोड़ा बहुत या, बिल्कुल ही कम है, उसे ऑरेंज जोन की श्रेणी में रखा गया है। वैसे जिले जहाँ कोरोना संक्रमण के एक भी केस मौजूद नहीं हैं, या पिछले 21 दिनों में कोई भी नए केस सामने नहीं आये हैं, उसे ग्रीन ज़ोन में रखा गया है।

3 ज़ोन के अलावा एक और ज़ोन भी है जिसे कन्टेनमेंट ज़ोन कहा गया है। कन्टेनमेंट जोन, रेड या ऑरेंज जोन के अंदर का वो इलाका है जहां पर एक ही जगह से कई कोरोना पॉजिटिव लोग पाए गए हैं, या पाए जाने की संभावना है।

सरकार के द्वारा दी गयी राहत

सरकार के द्वारा दी गयी राहत भी इसी जोन पर आधारित है। ग्रीन जोन वालों को ज़्यादा राहत तो ऑरेंज वालों को थोड़ी कम, तो वहीं रेड जोन में छूट नहीं के बराबर दी गयी है, वहीं रेड या ऑरेंज जोन के अंदर बने कन्टेनमेंट जोन को पूर्ण रूप से सील कर वहां की निगरानी और पाबंदी और बढ़ा दी गयी है।

ग्रीन और ऑरेंज जोन में शराब के ठेके खोलने से लेकर गैर ज़रूरी सामानों की ऑनलाइन डिलीवरी पर से भी प्रतिबंध हटा लिए गए हैं।

1 मई को, मजदुरों को घर भेजने के लिए तेलंगाना से झारखंड के लिए, रेल मंत्रालय द्वारा 24 डब्बों वाली एक ट्रेन भी चलाई गयी जिसमे 1,000 मजदूरों को अपने गृह राज्य भेज दिया गया।

लोकल बाज़ार भी अब धीरे धीरे खोले जा रहे हैं जिससे अर्थव्यवस्था को वापस से पटरी पर लाने का काम शुरू हो चुका है।

लॉकडाउन बढ़ाने के निर्णय का कुछ ने किया विरोध

ऐसे निर्णय एक सोची समझी रणनीति के तहत लिए जा रहे हैं। लेकिन ट्विटर पर कुछ लोगों द्वारा इसका लगातार विरोध किया जा रहा है। इसमे आम लोगों से लेकर कुछ पढ़े लिखे वरिष्ठ पत्रकार भी शामिल हैं जो पूरे देश को एक साथ खोलने के पक्ष में अपील कर रहे हैं।

एक साथ पूरे देश को खोल देना भारी मात्रा में संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है। जिसकी वजह से ऐसे कदम उठाने से बचना चाहिए। हालांकि,अभी के हालात से अवगत रहने वाला एक समझदार व्यक्ति ये जानता है की ऐसे समय में पूरे देश को एक साथ खोलना कितना खतरनाक हो सकता है।

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