कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को सिंघु बॉर्डर पर जहां कई गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने नि:शुल्क चिकित्सा शिविर लगाए हैं और रोजमर्रा की जरूरत की कई चीजें बांट रहे हैं। वहीं यहां पर 4 छोटे पुस्तकालय भी बनाए गए हैं, जिनमें कई भाषाओं में किताबें उपलब्ध हैं। ये लाइब्रेरी टेंट के अंदर बनाई गईं हैं। इनमें किसानों के विरोध, कृषि, देशभक्ति से संबंधित किताबें हैं। ये किताबें हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में हैं। लाइब्रेरी की किताबों में ‘द फॉल ऑफ किंगडम ऑफ पंजाब’, शहीद भगत सिंह और सिख गुरुओं की आत्मकथाएं शामिल हैं। इन लाइब्रेरी में 100 से 150 किताबें डिस्प्ले में हैं।
विरोध स्थल पर एक लाइब्रेरी बनाने वाले लुधियाना के निवासी बूटा सिंह ने आईएएनएस को बताया कि हर दिन किताबें पढ़ने के लिए 15 से 20 लोग उनकी लाइब्रेरी में आते हैं। बूटा ने कहा, “मैंने दिसंबर में लाइब्रेरी बनाई थी। पहले पाठकों को किताबें अपने साथ ले जाने की अनुमति थी, लेकिन उनमें से कई ने किताबें वापस नहीं कीं। लिहाजा, अब किताबें ले जाने की अनुमति नहीं दी जाती है और लोगों को टेंट में बैठकर ही किताबें पढ़नी होती हैं।”
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व्यक्तियों और किसान यूनियनों के अलावा कई अन्य संगठनों ने भी लाइब्रेरी बनाई है, जैसे-ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) ने भी यहां लाइब्रेरी बनाई है। इसके एक सदस्य ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, “मैं 2 महीने से वॉलेंटियर के तौर पर यहां हूं। लाइब्रेरी में सेवाएं देने के अलावा मैं संगठन के दिशा-निर्देश के मुताबिक, अन्य सामाजिक सेवाएं भी करता हूं।” (आईएएनएस)