Signal के बजाय Telegram पर ज्यादा भरोसा कर रहे भारतीय : पढ़िए इस ख़ास रिपोर्ट में

चार में से तीन भारतीय टेलीग्राम पर किसी भी ग्रुप या चैनल से जुड़ने के दौरान सुरक्षित महसूस करते हैं, क्योंकि उन्हें अजनबियों के सामने अपना फोन नंबर प्रकट करने की जरूरत नहीं है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निजता (प्राइवेसी) को लेकर बहस जारी है। इस बीच कुछ दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं, जिनमें पता चला है कि चार में से तीन भारतीय टेलीग्राम पर किसी भी ग्रुप या चैनल से जुड़ने के दौरान सुरक्षित महसूस करते हैं, क्योंकि उन्हें अजनबियों के सामने अपना फोन नंबर प्रकट करने की जरूरत नहीं है। एक सर्वेक्षण में पता चला है कि टेलीग्राम से विश्व स्तर पर 60 करोड़ से अधिक यूजर्स जुड़ चुके हैं, जो कि सिग्नल के आंकड़े से अधिक है, जिसमें जागरूकता (55 प्रतिशत) और वास्तविक उपयोग (39 प्रतिशत) शामिल है।

साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) की ओर से कराए गए सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले एक साल में भारत में 37 प्रतिशत यूजर्स (उपयोगकतार्ओं) ने वास्तव में टेलीग्राम का उपयोग किया है, जबकि सिग्नल का मात्र 10 प्रतिशत लोगों ने उपयोग किया है। इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप (आईआईजी), सीएमआर के प्रमुख प्रभु राम ने कहा कि फेसबुक और व्हाट्सएप की घनिष्ठता से ब्रांड ट्रस्ट और ब्रांड वफादारी में गिरावट का खतरा है। उन्होंने कहा, “हम यूजर्स की गोपनीयता, सुरक्षा और ब्रांड के भरोसे के बीच खड़े हैं। यूजर्स के लिए व्हाट्सएप उनका एक मुफ्त निजी मैसेजिंग प्लेटफॉर्म था, लेकिन फेसबुक के साथ व्हाट्सएप के हाथ मिलाने से लोगों का भरोसा टूटा है। मेरा मानना है कि सोशल नेटवर्किं ग ऐप पर शिफ्टिंग क्षणिक नहीं है, हालांकि पिछले कुछ सालों ने टेलीग्राम पर लोगों की शिफ्टिंग अधिक हुई है।”

applications
फेसबुक के साथ व्हाट्सएप से भी लोगों का भरोसा टूट रहा  है। (Unsplash )

यह भी पढ़ें : हम कलाकार के तौर पर स्टीरियोटाइप हो जाते हैं : अरशद वारसी

सर्वे में शामिल अधिकतर लोगों का मानना है कि व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर तब सुरक्षित नहीं रह जाते हैं, जब चैट का बैकअप किसी थर्ड पार्टी क्लाउड प्लेटफॉर्म जैसे गूगल ड्राइव और आईक्लाउड पर जाता है। इसलिए यूजर्स इसे सुविधाजनक और सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। चैट बैकअप के मामले में टेलीग्राम के क्लाउड पर 49 प्रतिशत लोगों का भरोसा कायम है। लगभग 55 प्रतिशत व्हाट्सएप यूजर्स को मैसेंजर एप्स से मीडिया फाइलों (फोटो, वीडियो, डॉक्यूमेंट्स, पीपीटी) की चुनौती का सामना करना पड़ता है, जो कि फोन मेमोरी के लिए दिक्कत पैदा करती है। सर्वेक्षण में शामिल लगभग 50 प्रतिशत लोगों को अनचाहे लिंक के साथ अज्ञात नंबरों से संदिग्ध संदेश मिले हैं। इस तरह की घटनाएं सबसे अधिक व्हाट्सएप यूजर्स (52 प्रतिशत) और सबसे कम टेलीग्राम यूजर्स (28 प्रतिशत) को देखने को मिली है। स्पैम (अवांछनीय मैसेज) की घटना भी व्हाट्सएप और एफबी मैसेंजर यूजर्स के बीच सबसे अधिक लगभग 50 प्रतिशत देखने को मिली है। (आईएएनएस )

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here