भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए भाषण पर आईना दिखाते हुए करारा जवाब दिया है। इसमें पाकिस्तान को बांग्लादेश में नरसंहार के रिकॉर्ड को याद दिलाने समेत पाकिस्तानी धरती आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बनाने और अल्पसंख्यकों के लिए दमन का अड्डा बनाने की बात कही। दरअसल, खान ने महासभा में पिछले साल के आरोप ही इस साल दोहराए जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर केंद्रित थे और कहा कि भारत अल्पसंख्यकों को सताने पर जोर दे रहा। खान ने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर में शांति सेना भेजने की भी अपील की।
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भारतीय संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रथम सचिव मिजितो विनितो ने शुक्रवार को इस पर जबाव देते हुए कहा, “मैं जोर देकर यह बात कहता हूं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है। वहां लागू किए गए नियम-कानून भारत का आंतरिक मामला है।”
उन्होंने कहा, कश्मीरी क्षेत्र पर इस्लामाबाद का अवैध कब्जा है, जिसे खाली करना होगा। साथ ही कहा कि खान के भाषण में नयापन बहुत कम था।
विनितो ने कहा, “पाकिस्तान शांति, संवाद और कूटनीति जैसे आधुनिक सभ्य समाज के सिद्धांत दूर है। उनके पास न दिखाने के लिए कुछ है ना बोलने के लिए कोई उपलब्धि हैऔर ना दुनिया के लिए कोई उचित सुझाव है।”
उन्होंने आगे कहा, “पिछले 70 वर्षो में दुनिया को जो एकमात्र गौरव उन्होंने दिया है, वह है आतंकवाद, नैतिकता का पतन, कट्टरवाद और अवैध परमाणु व्यापार।”
विनीतो ने पाकिस्तान को बांग्लादेश में किए गए नरसंहार का रिकॉर्ड भी याद दिलाया, जिसके लिए उसने आज तक माफी भी नहीं मांगा।
वहीं आतंकवाद में पाकिस्तान के रिकॉर्ड पर विनितो ने याद दिलाया कि खान ने अल कायदा के प्रमुख आतंकवादी को ‘शहीद’ कहा था। वहीं पाकिस्तान ने “संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित किए गए आतंकवादियों में से कई की सालों का मेजबानी की।”
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विनितो ने कहा, “ये वही नेता हैं जिन्होंने पिछले साल खुद सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि पाकिस्तान के पास 30,000 से 40,000 प्रशिक्षित आतंकवादी हैं। यह वह देश है जिसने अपने ईश निंदा कानूनों का दुरुपयोग कर हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों का धर्मांतरण किया।”
वहीं पाकिस्तान के प्रथम सचिव मुहम्मद जुल्कारनैन छीना ने कहा कि इस साल के शुरू में दिल्ली के शाहीन बाग में हुए दंगों ने हिंदुत्व की विचारधारा को उजागर किया।
उन्होंने कुलभूषण जाधव का भी जिक्र किया जिनके बारे में भारत का कहना है कि उन्हें ईरान से अगवा करके पाकिस्तान ले जाया गया था।(आईएएनएस-SHM)