जिंदगी में कब और किस तरह बदलाव आ जाए, यह कोई नहीं जानता, ऐसी ही कुछ कहानी इंदौर के विजय सिंह राठौड़(Vijay Singh Rathod) की है, जो कभी किसी चाय की दुकान में नौकर के तौर पर चाय पिलाकर मुश्किल से आठ रुपये महीना कमाया करते थे, मगर ‘हॉट डॉग'(Hotdog) ब्रांड ने उनकी जिंदगी में ऐसा बदलाव लाया कि आज वे करोड़पति हैं। जॉनी हॉट डॉग(Johny Hot dog) इंदौर में मिलने वाली डिश है। इस डिश ने 60 साल के विजय सिंह राठौड़ को दुनियाभर में मशहूर कर दिया है। 120 स्क्वायर फीट की छोटी-सी दुकान पर मिलने वाली जॉनी हॉट डॉग(Johny Hot dog) ने इंदौर से लेकर हॉन्ग-कॉन्ग तक का सफर तय किया और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। जॉनी हॉट डॉग(Johny Hot dog) बेचने वाले राठौड़ इंदौर(Indore) में दादू के नाम से पहचाने जाते हैं।
जॉनी हॉट डॉग(Johny Hot dog) डिश की शुरुआत 40 साल पहले हुई थी। वैसे तो इस डिश की शुरुआत स्टारलिट टॉकीज से हुई, मगर 1980 के दशक में विजय सिंह दुकान को इंदौर(Indore) के 56 दुकान क्षेत्र में आए जो कि इंदौर(Indore) में खानपान के लिए जाना-पहचाना है। यह डिश देशी घी और मक्खन से बनती है और शायद ही इंदौर(Indore) आने वाले किसी व्यक्ति ने इस डिश का स्वाद न चखा हो।
राठौड़ किसान पिता के बेटे हैं, मगर उनके सपने बड़े रहे हैं। जॉनी हॉट डॉग(Johny Hot dog) को ब्रेड को रोल करके बनाया जाता है। पहले यह शाकाहारी था, मगर अब मटन हॉट डॉग भी मिलने लगा है। विजय की मानें तो मेरे बचपन में यहां एक सिनेमाघर था, जिसमें सिर्फ अंग्रेजी फिल्में ही लगती थीं। इन फिल्मों में इस तरह के हॉट डॉग को बेचा जाता था। यहां काफी चहल-पहल रहती और फिल्म देखने के बाद लोग कुछ खाते-पीते थे। यह थियेटर 70 के दशक में बंद हो गया। इसके बाद उन्होंने यहां हॉट डॉग बेचना शुरू किया।
जॉनी हॉट डॉग(Johny Hot dog) पूरी दुनिया में मशहूर हो गया है, क्योंकि इस डिश को एशिया पेसिफिक की सबसे ज्यादा लोकप्रिय डिश का खिताब मिल चुका है। हॉन्ग-कॉन्ग में हुए उबर ईट्स ऐपक रेस्टोरेंट पार्टनर अवॉर्ड 2019 में उस वक्त सब हैरान रह गए जब एशिया पेसिफिक की सबसे लोकप्रिय डिश में मेकडॉनल्डस, बर्गर किंग और पिज्जा हट की विभिन्न डिशिश को छोड़कर इंदौर के जॉनी हॉट डॉग(Johny Hot dog) केा चुना गया।
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राठौड़ की जिंदगी में भी बड़ा बदलाव आया। जॉनी हॉट डॉग(Johny Hot dog) बेचने से पहले कई जगह नौकरी की और चाय दुकानों पर भी काम किया। विजय के पिता किसान थे और खेती में बड़ी दिक्कत आती थी, क्योंकि न तो बिजली थी और न ही मोटर। किसानी पूरी तरह मौसम पर निर्भर हुआ करती थी। मां को खाना बनाता देखकर उनके मन में कई तरह के ख्याल आया करते थे। इसी दौरान उन्होंने अपने मां की सहायता से हॉट डॉग की रेसिपी तैयार की।
विजय राठौड़ के साहसी होने को इसी से समझा जा सकता है, जब लोग चाट हाउस, स्वीट हाउस जैसे नाम अपनी दुकानों के रखा करते थे, तब उन्होंने हॉट डॉग की दुकान खोली। अब वे करोड़पति हैं।(आईएएनएस-SHM)