By : Swati Mishra
वेद पर आधारित सनातन धर्म को दुनिया का सबसे प्राचीन हिंदू धर्म माना जाता है। लेकिन आज ऐसा प्रतीत होता है कि, हिन्दू धर्म अतीत की सीमित विशेषताओं व उद्देश्यों को छोड़कर तेजी से अपनी पहचान खोता जा रहा है। आज धर्मनिरपेक्षता के आधुनिक चलन ने हिन्दू धर्म की प्रासंगिकता को कमजोर कर दिया है। आज बड़े स्तर पर प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्रणाली में प्राचीन हिंदू ग्रंथों को कमजोर कर दिया है। हिन्दू धर्म केवल अतीत से जुड़ा मात्र एक धर्म नहीं है। लेकिन आज हिन्दू धर्म को एक प्राचीन सभ्यता के इतिहास के रूप में पढ़ाया जाता है।
विशेष रुप से हिन्दू धर्म की मूल अवधारणाओं को परिभाषित करने वाला आज ऐसा कोई भी मूल साहित्य उपलब्ध नहीं है। हिन्दू धर्म को जानने की इच्छा रखने वालों में अक्सर ये मायूसी देखने को मिलती है। हमारे ग्रंथ, हिन्दू धर्म की मूल परिभाषा व अवधारणा को स्पष्ट नहीं करते हैं। ये केवल वो मानक है, जिन के कारण आज भी हमारा हिंदू धर्म लोगों में उत्सुकता पैदा कर देता है। हिन्दू धर्म की परंपरा, रीति-रिवाज उन्हीं की देन है,जिसका पालन हर हिन्दू समाज पूरी निष्ठा से करता है।
हाल ही में एक पुस्तक प्रकाशित हुई हैं, जिसने बड़े पैमाने पर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। ‘Hinduism beyond Ritualism’ यह पुस्तक आईपीएस अधिकारी और आईआईटियन विनीत अग्रवाल द्वारा लिखी गई है। यह पुस्तक, हिन्दू धर्म से जुड़ी अलग – अलग अवधारणाओं को अपने में समाहित करती है। मूल रूप से यह हिन्दू धर्म को सरल और बहुत ही दिलचस्प तरीके से परिभाषित करती है। विनीत कहते हैं : हिन्दू धर्म, केवल धर्म नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा शब्द है, जिसका इस्तेमाल भारतीय उपमहाद्वीप में वर्णित एक व्यवस्था को परिभाषित करने के लिए किया जाता है। यह धर्म उस वक्त से मौजूद है, जब औपचारिक रूप से धर्म की कोई अवधारणा नहीं थी।
इस पुस्तक में हिंदुओं के साथ – साथ गैर हिन्दू पाठकों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। इस पुस्तक के माध्यम से सभी पाठक, हिन्दू और गैर – हिन्दू दोनों वर्ग को उपनिषद के सही अर्थ को समझाने की दिशा में एक प्रयास किया गया है। धार्मिक शास्त्रों के विभिन्न अवधारणाओं को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। जैसा कि, हमारे कार्यों का निहितार्थ, जीवन, मृत्यु और उसके बाद का पुनर्जन्म आदि सभी मतों को स्पष्ट करने का प्रयास निहित है। हालांकि पुस्तक में किसी भी प्रकार की अतिशयोक्ति को स्थान नहीं दिया गया है। पाठक को प्रभावित करने के लिए मनगढ़ंत तर्कों को कोई स्थान नहीं दिया गया है। 253 पृष्ठ की इस पुस्तक को 30 अध्यायों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक अध्याय के अंत में पाठकों के साथ संबंध स्थापित करने व ज्ञान को बढ़ाने के लिए बहुविकल्पीय प्रश्नों को भी स्थान दिया गया है। कुछ अध्यायों में ईश उपनिषद, ब्रह्मसूत्र, चक्र, आयुर्वेद और द हिन्दू वे ऑफ लाइफ जैसे कुछ विषयों को भी शामिल किया गया है।
इस पुस्तक को अपनी कलम से कागज पर उकेरने वाले विनीत अग्रवाल आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। विनीत अग्रवाल जी ने इंजीनियरिंग की दुनिया में अपना करियर बनाया। इसके बाद उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने का निर्णय लिया और महाराष्ट्र सरकार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और भारत सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। इसके साथ – साथ विनीत अग्रवाल जी ने आधुनिक शैली के लेखक के रूप में जाने जाते हैं। उनकी लेखन शैली में आलोचनात्मक गुण देखने को मिलता है। लेखन की दिशा में उनकी पहली कृति एक उपन्यास है “रोमांस ऑफ ए नक्सली”, यह उपन्यास गढ़चिरौली में उनके अनुभव पर आधारित है। जहां उन्होंने एक पुलिस अधीक्षक के रूप में नक्सलवाद से लड़ाई लड़ी थी। इस पुस्तक की मीडिया में व्यापक कवरेज मिली थी क्योंकि इसमें आधुनिक वर्तमान स्तर पर नक्सलवाद की लोकप्रिय धारणा का खण्डन किया है। उनकी दूसरी पुस्तक “ऑन द ईव ऑफ कलयुग” है। यह महान महाकाव्य, महाभारत के बिल्कुल अलग दृष्टिकोण को सामने लाती है और कर्मकाण्ड से परे हिन्दू धर्म से जुडी ‘Hinduism Beyond Ritualism’ उनकी तीसरी पुस्तक है। जिसने फिर एक बार, सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है।
हिंदुत्व से जुड़ी अन्य किताबों को जानने के लिए यह ट्वीट है महत्वपूर्ण।
What’s a good beginners introduction to Hinduism? A book that isn’t too detailed but sufficiently explains the religion?
Don’t give answers such as “hinduism is too complex, no one book is sufficient”, yeah of course but the goal is to know the basics. So comment good books.
— Indian History (@IndianHistory0) April 7, 2021
‘Hinduism Beyond Ritualism’ इस पुस्तक से प्रभावित हो तमाम बड़ी हस्तियां अपने – अपने विचारों को व्यक्त कर रहे हैं|
“आनंद महिंद्रा”
Now reading this book by Vineet Agarwal. I was intrigued not just by the title but by the author who seems to be a Renaissance Cop. Belongs to the IPS cadre but also has a degree from IIT! His investigative skills are helping him unearth the basic tenets of his faith… pic.twitter.com/ZnqKxjFRow
— anand mahindra (@anandmahindra) March 30, 2021
“अमीश त्रिपाठी”
“Hinduism has always been an awe-inspiring concept for scholars from all over the world…”
Thus begins the introduction to this scholarly book by @Vineet_IPS, that I’ve been reading the last few days. An insightful read… pic.twitter.com/wjoDx4DGRZ— Amish Tripathi (@authoramish) March 26, 2021
“राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी
I have read the book: “Hinduism Beyond Ritualism”[The Write Place Publishers] by Vineet Agarwal, a very senior IPS Police Officer in the Maharashtra State Government. He holds an IIT Delhi degree, and has been decorated for his work. Must read since it demystifies Hindu concepts.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 17, 2021
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इस पुस्तक ने एक बड़े वर्ग को प्रभावित किया है| तेजी से बदलते समाज में हिन्दू धर्म के प्रति सटीक और प्रभावित अवधारणाओं का होना अत्यंत अवश्यक है और इस सोच को विनीत अग्रवाल जी ने भलीं – भांति सिद्ध किया है| विनीत अग्रवाल जी को अपनी इस पुस्तक के लिए पॉयेसिस सोसायटी पुरुस्कार भी मिला है और इसे एक लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक में भी रूपांतरित किया गया है।