कोरोना महामारी के समय में आरएसएस के लोगों की काफी तारीफ हुई जब वो हजारों जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर, कंसंट्रेटर , भोजन और दवाओं की आपूर्ति कर रहे थे। उनके साथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला टीम की भी तारीफ हो रही है क्योंकि कोविड संकट के दौरान वो मजबूती से खड़ी रहीं। महिला टीम ने लोगों को अंतिम संस्कार कराने में मदद करने के अलावा टीकाकरण के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया, योग शिविर आयोजित किया और जरूरतमंदों को दवाएं बांटीं। अँतिम संस्कार करने पंडित जब श्मशान तक नहीं पहुंचे तो आरएसएस की इन महिला सदस्यों ने सभी रस्में अदा करके शवों का अंतिम संस्कार किया।
अजमेर में महिलाओं ने बड़ी संख्या में टीकाकरण करवाने में मदद की। उन्होंने अस्पतालों से टीकाकरण केंद्रों की सूची जमा की और अपना पता व्हाट्सएप ग्रुप पर प्रसारित किया और इससे लगभग 600 लोगों को टीकाकरण कराने में मदद मिली। जयपुर प्रांत प्रचार प्रमुख गुलशन शेखावत ने कहा कि जयपुर और उदयपुर के सदस्यों द्वारा एक महीने से अधिक समय तक योग शिविर का आयोजन किया गया। लाभान्वित होने वालों में कोविड पॉजिटिव लोग, कोविड के बाद की जटिलताओं वाले व्यक्ति के साथ-साथ वे लोग भी शामिल थे जो स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते थे।
इन महिला सदस्यों ने अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कोविड-संक्रमित लोगों से भी बात की। चित्तौड़ में महिला सदस्यों ने एमएपी नामक एक समूह बनाया, जिसमें रोगियों के सभी प्रश्नों के समाधान के लिए डॉक्टरों के साथ चिकित्सा कर्मचारी, प्रशासन आदि जुड़े हुए थे। इस संवाद कार्यक्रम में कम से कम पांच संक्रमित लोगों को कोविड लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया गया। हर दिन सेविकाओं की टीमों को पंद्रह दिनों तक कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी गई, उन्होंने जरूरत पड़ने पर मदद, समर्थन और सलाह के लिए डॉक्टरों से बात करने के लिए भी कहा।
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वरिष्ठ सदस्यों ने प्रतिदिन कोविड देखभाल केंद्रों का दौरा किया। सालंबूर और राजसमंद में करीब 2,000 लोगों को होम्योपैथी दवाएं बांटी गई। जोधपुर प्रांत प्रचारिका रितु ने कहा कि महिला सदस्यों ने जानवरों और पक्षियों के लिए भी भोजन का बंदोबस्त किया। भीलवाड़ा में ये सदस्य परिवारों को काड़ा, मास्क आदि बांट रहे हैं। कोटा में उन्होंने शुगर टेस्ट स्ट्रिप जैसी सामग्री बांटी है और ऑक्सीजन की व्यवस्था की है। इन महिला सदस्यों की सेवाओं से कुल मिलाकर लगभग 50,000 लोग लाभान्वित हुए हैं।(आईएएनएस-SHM)