महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में हजारों किसानों चार घंटे के अखिल भारतीय विरोध के तहत रेल-रोको आंदोलन में भाग लिया, हालांकि ट्रेन सेवाएं काफी हद तक अप्रभावित रहीं।अधिकारियों ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी। संगठन के एक प्रवक्ता ने कहा, “संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और अन्य किसान संगठनों ने विभिन्न जिलों जैसे ठाणे, पालघर, नासिक, औरंगाबाद, पुणे, परभणी, यवतमाल में रेलवे स्टेशनों और रेलवे लाइनों के लिए विरोध मार्च का नेतृत्व किया, जबकि अन्य जिलों से रिपोर्ट का इंतजार है।”
हालांकि, स्थानीय और रेलवे सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति ने सुनिश्चित किया कि आंदोलन से रेल सेवा प्रभावित न हो। इस वजह से मुंबई शहर में उपनगरीय ट्रेन सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
पुलिस ने पालघर, नासिक और औरंगाबाद में, प्रदर्शनकारियों को रेल की पटरियों पर बैठने नहीं दिया और उन्हें वहां से खदेड़ रेल सेवा को सुचारू रखने का प्रयास किया।
इस दौरान पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और बाद में उन्हें रिहा कर दिया।
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मुम्बई में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राम कदम ने आरोप लगाया कि ये प्रदर्शनकारी किसान नहीं थे, बल्कि शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ता ही थे (आईएएनएस)