केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने गुरुवार को जोर दिया कि जनजातीय जनसंख्या का स्वास्थ्य और उसकी खुशहाली सरकार के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने छठे भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोसव 2020 (IISF 2020) के हिस्से के रूप में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, जबलपुर द्वारा वर्चुअल कर्टेन रेजर समारोह को डिजिटल तौर पर संबोधित किया।
अपने संबोधन में हर्षवर्धन ने कहा, “वर्ष 2015 में अपनी शुरुआत से लेकर आई.आई.एस.एफ ने हमेशा लोगों के जीवन में सुधार के लिए ज्ञान की प्रगति और इसके इस्तेमाल को प्रदर्शित किया है। आई.सी.एम.आर- एन.आई.आर.टी.एच, जबलपुर द्वारा आयोजित इस कर्टेन रेजर समारोह की अध्यक्षता करना सचमुच एक सौभाग्य की बात है।”
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उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि आई.सी.एम.आर(ICMR) – एन.आई.आर.टी.एच (NIRTH), जबलपुर जनजातीय स्वास्थ्य से संबंधित स्वास्थ्य एवं सामाजिक मुद्दों पर जैव चिकित्सा अनुसंधान के प्रति पूर्णत: समर्पित एकमात्र संस्थान है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, “यह चिंता का विषय है कि हमारी जनजातीय जनसंख्या आज कुपोषण, वंशानुगत रोगों तथा संक्रामक रोगों से पीड़ित हैं।”
हर्षवर्धन ने कहा कि जनजातीय जनसंख्या का स्वास्थ्य और उसकी खुशहाली सरकार के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “इसके लिए हमने अनेक कदम उठाए हैं। 2018 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से गठित एक विशेषज्ञ समिति ने 10 प्रमुख समस्याओं को चिन्हित किया, जिनकी ओर तत्काल ध्यान देना जनजातियों की खुशहाली के लिए जरूरी है और इस दिशा में कार्य शुरू किए गए हैं।”
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उन्होंने कहा कि इन प्रयासों में प्राप्त अनुभव से न केवल अनुसंधानकर्ताओं एवं शिक्षाविदों को, बल्कि हमारी जनसंख्या के हाशिए वाले हिस्से के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए नीति निर्माताओं को भी काफी मदद मिलेगी।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा विज्ञान भारती के सहयोग से वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की ओर से छठा IISF 2020 आयोजित किया जा रहा है। (आईएएनएस)