मध्यप्रदेश में विकास के नए मॉडल पर कदमताल तेज हो गई है, अब विकास की योजना राज्य स्तर पर नहीं, बल्कि प्रत्येक जिले की पृथक विकास योजना बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर और कमिश्नर की वीडियो कॉफ्रेंसिंग में साफ कर दिया कि एक तरफ जहां विकास की रफ्तार को तेज किया जाएगा, वहीं आम आदमी के जीवन को सुगम बनाया जाएगा और माफियों के खिलाफ कार्रवाई का दौर जारी रखा जाएगा।
जिला विकास योजना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों से कहा कि प्रत्येक जिले की पृथक विकास योजना बनाई जाए। आगामी एक अप्रैल से इसका क्रियान्वयन प्रारंभ होगा। नगरों के साथ ग्राम पंचायत स्तर पर भी विकास का प्लान बनाया जाए। नागरिकों को विकास का पूरा लाभ दिलवाने के साथ ही अच्छी कानून व्यवस्था के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। जिला विकास योजना के निर्माण के साथ ही सुशासन, आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग, योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन, नागरिकों को समय पर आवश्यक सेवाएं देने, सुदृढ़ कानून व्यवस्था, सभी तरह के माफिया को नेस्तनाबूत करने की हमारी प्राथमिकता है। सभी कलेक्टर्स, कमिश्नर्स और शासन स्तर के अधिकारी इन लक्ष्यों के अनुकूल कार्य करते हुए परफार्म करें। अच्छा कार्य प्रदर्शन करने वाले ही पदों पर कायम रहेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को हर योजना में नंबर वन रहना है। जिलों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होना चाहिए। प्रदेश को प्रधानमंत्री की योजनाओं में भी आगे रहना है। कलेक्टर्स भी स्थानीय स्तर पर जिले के विकास की योजनाएं बनाएं। हमें अंधी गली में नहीं चलना है। योजनाओं की नियमित मॉनीटरिंग हो। हर माह समीक्षा होगी। इसी आधार पर जिले की रेटिंग होगी, विभागों की भी रेटिंग होगी।
कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि आठ जिलों में खाद्यान्न उपार्जन में अनियमितताएं होने पर प्रकरण दर्ज किया गया है। कुल 32 एफआईआर कर 55 संस्थाओं और व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है।
मुख्यमंत्री चौहान ने रेत खनन को लेकर निर्देश दिए कि वैध ठेकेदारों को परेशान न करते हुए अवैध खनन और परिवहन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो। इसके साथ ही किसी भी स्थिति में मिलावट करने वालों को न बख्शें। उपभोक्ता भंडार से समय पर खाद्यान्न वितरण हो यह व्यवस्था की जाए।
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माफिया विरोधी अभियान
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में कानून, व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के संबंध में विस्तार से जानकारी ली और कहा कि प्रदेश को माफिया मुक्त करना है। उन्होंने कांफ्रेंस में साफ शब्दों में दोहराया कि गरीबों को कहीं परेशान न होना पड़े, यह सुनिश्चित करें। अतिक्रमण के नाम पर सामान्य व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही न हो। गुंडे, रसूखदार के विरुद्ध हो एक्शन अवश्य लिया जाए।
कॉन्फ्रेंस में पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने बताया प्रदेश में माफिया विरोधी अभियान के तहत करीब 900 हेक्टेयर सरकारी भूमि रसूखदारों से मुक्त करवाई गई है। इसी तरह चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। प्रदेश में करीब पांच लाख नागरिकों को उनकी डूबी राशि वापस मिल गई है। कुल 825 करोड़ रुपये की राशि निवेशकों को मिल सकी। (आईएएनएस)