देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों की अगुवाई करने वाले संगठनों का संघ संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को कहा कि लोगों के मन मे सरकार के प्रति असंतोष है जो संघर्ष में बदल गया है। किसानों के इस आंदोलन को लेकर केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र तोमर द्वारा एक दिन पहले दिए गए बयान की आलोचना करते हुए डॉ. दर्शन पाल ने सयुंक्त किसान मोर्चा की तरफ से एक बयान में कहा, प्रदर्शन कर रहे लोग भीड़ नहीं, अन्नदाता हैं जिसकी मेहनत का उगाया भोजन आप भी खाते है। इसी भीड़ के वोट से आप सरकार चला रहे है, इस तरह जनता का अपमान निंदनीय है।
मोर्चा की तरह से जारी बयान में कहा गया कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने यह कहकर किसानों के संघर्ष का अपमान किया है कि भीड़ इक्कठी करके कानून वापस नहीं लिए जाते।
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किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले नेताओं ने कहा, हम कृषि मंत्री तोमर सहित पूरी सरकार को यह बताना चाहते है कि यह लोगों के मन में सरकार के प्रति असंतोष है जो संघर्ष में बदल गया है।
केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लाए गए तीन कृषि काूननों के विरोध में किसान करीब तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलनकारी तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। किसानों की मांगों को लेकर प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले संगठनों के नेताओं और सरकार के बीच 22 जनवरी को हुई 12वें दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद से गतिरोध बना हुआ है। (आईएएनएस)