दिल्ली में डेंगू-रोधी अभियान ’10 हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट’ का अंतिम सप्ताह रहा। दिल्ली के लोगों को इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाई जिसके परिणाम स्वरूप दिल्ली में इस साल डेंगू के चलते एक भी मौत नहीं हुई है। दिल्ली के लोगों ने 2015 में आए 15,867 डेंगू के मामलों को इस साल सफलतापूर्वक 489 तक लाने में कामयाबी हासिल की है। हर रविवार को ’10 हफ्ते 10 बजे 10 मिनट’ अभियान के तहत घर में एकत्रित स्वच्छ जमा (स्थिर) पानी को बदलना होता है। डेंगू का मच्छर साफ स्थिर पानी में पनपता है। बर्तन, कूलर, एसी, टायर, फूलदान आदि में जमा पानी को हर हफ्ते खाली कर देना चाहिए और बदलना चाहिए। जमा हुए पानी में तेल, पेट्रोल डालें, जिससे पानी पर छोटी परत बन जाए। पानी की टंकी को हमेशा ढक्कन से ढक कर रखें।
साल 2015 में डेंगू से हुईं 60 मौतों की तुलना में इस साल डेंगू से एक भी मौतें नहीं हुई हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल की अपील पर आरडब्ल्यूए, बच्चों, व्यापारियों, मशहूर हस्तियों और दिल्ली के निवासी लगातार दूसरे साल भी डेंगू को सफलतापूर्वक हराने के लिए एक साथ आगे आए। सीएम ने डेंगू विरोधी अभियान का समर्थन करने और लगातार दूसरे साल इस बीमारी को हराने के लिए दिल्ली की जनता की सराहना की।
’10 हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट’ डेंगू विरोधी अभियान के अंतिम सप्ताह पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली बधाई, डेंगू के खिलाफ 10 हफ्ते चली मुहिम में आपकी सहभागिता और एकजुटता ने लगातार दूसरे साल इस बीमारी को हराकर मिसाल कायम की है। डेंगू से इस बार एक भी मौत नहीं हुई। दिल्लीवासियों की प्रतिबद्धता को सलाम।”
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इस साल डेंगू से संबंधित एक भी मौतों नहीं होने के लिए ’10 हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट’ अभियान को श्रेय देते हुए स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन कहा, “दिल्ली ’10 हफ्ते 10 बजे, 10 मिनट’ का अभियान यह उदाहरण पेश करता है कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे समुदाय द्वारा संचालित अभियान कितना प्रभावी है। इसके ठोस परिणाम निकल सकते हैं। हम सभी मिलकर डेंगू से होने वाली मौतों को शून्य पर लाने में सफल रहे।”
सीएम केजरीवाल और आप सदस्य ने डेंगू के खिलाफ़ छेड़ी मुहीम
सीएम अरविंद केजरीवाल ने 6 सितंबर को अपने घर में जमा पानी का निरीक्षण करने और उसे बदलने के लिए ’10 हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट’ डेंगू-रोधी अभियान की शुरुआत की थी।
पिछले साल दिल्ली निवासियों, आरडब्ल्यूए, धार्मिक और सांस्कृतिक संगठनों, मंत्रियों, विधायकों और नेताओं व प्रभावशाली लोगों के समान सहयोग ने शहर में डेंगू के प्रभाव को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी, जिसके कारण पिछले साल सिर्फ 2036 मामले आए थे और दो मौतें हुई थीं। वहीं 2015 में 15867 मामले आए थे और 60 मौतें हुई थीं। डेंगू-रोधी अभियान का पहला संस्करण 2019 में शुरू किया गया था।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने डेंगू-रोधी अभियान की सराहना करते हुए ट्वीट किया, “ऐसा लगता है कि समाचार का यह एक छोटा सा टुकड़ा है, लेकिन इस तरह के ‘मानव विकास’ के संकेतक हमारे रोजमर्रा के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। इस तरह के मील के पत्थर जश्न मानने लायक हैं।” प्रख्यात गायक शंकर महादेवन भी अभियान के समर्थन में आगे आए। (आईएएनएस)