बिहार विधानसभा का बजट सत्र अप्रत्याशित घटनाओं के लिए रखा जाएगा याद

बिहार विधानमंडल का बजट सत्र का आखिरकार बुधवार को समापन हो गया। इस बजट सत्र में वार्षिक बजट तो पेश किया गया ही लेकिन यह बजट सत्र कई मामलों में भी यादगार रहा।

By: मनोज पाठक

बिहार विधानमंडल का बजट सत्र का आखिरकार बुधवार को समापन हो गया। इस बजट सत्र में वार्षिक बजट तो पेश किया गया ही लेकिन यह बजट सत्र कई मामलों में भी यादगार रहा। इस सत्र के दौरान कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष पर विपक्ष हावी रहा तो विधानसंभा में लात और घूसे भी खूब चले। यहां तक कि विपक्षी दल के विधायकों को घसीट-घसीटकर बाहर निकाल दिया गया। बिहार विधानसभा का बजट सत्र 19 फरवरी से 24 मार्च तक चला, जिसमें कई विधायी कार्य भी निपटाए गए तथा आम लोगों से जुड़ी समस्याओं का निदान भी खोजा गया। 22 दिनों तक चलने वाले इस सत्र की शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण से प्रारंभ हुई, जबकि 22 फरवरी को वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने राज्य सरकार का बजट पेश किया।

बजट सत्र के प्रारंभ से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि विपक्ष अपने संख्या बल की मजबूती का लाभ सदन में उठाएगा और सदन में कई बार यह देखने को भी मिला। कई मुद्दो पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोर आजमाईश देखी गई। इस बजट सत्र में प्रश्नोत्तर काल ठीक ढंग से चला, जिसमें सत्ता पक्ष को विपक्ष का भी सहयोग मिला। वैसे, सत्ता और विपक्ष दोनों ओर से अध्यक्ष को निशाने पर लिया गया। विपक्ष के नेता यादव के नेतृत्व में सदन में बोलने का पर्याप्त अवसर नहीं देने का आरोप लगाते हुए 13 मार्च को राजभवन मार्च किया, तो सत्ता पक्ष ने भी अध्यक्ष पर एक व्यक्ति को संरक्षण देने का आरोप लगाया।

tejasvi yadav तेजस्वी यादव
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव।(फाइल फोटो)

इस सत्र में सदन में ही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मंत्री बनाने पर भी सवाल खड़ा कर दिए। उन्होंने मंत्री प्रमोद कुमार को लेकर टिप्पणी कर दी, ‘कैसे आपलोगों को मंत्री बना दिया गया’। इस सत्र में मंत्री सम्राट चौधरी ने आसन को अंगुली दिखाते हुए ज्यादा व्याकुल नहीं होने की बात कह दी। बाद में हालांकि मंत्री ने माफी मांग ली। इस सत्र में कुल 4397 प्रश्नो में 3616 स्वीकृत हुए और 2847 प्रश्नों के उत्तर ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त हुए। इस सत्र के दौरान बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल 2021 सहित कई विधेयकों को विधानसभा ने पास भी किया गया।

यह भी पढ़ें: बिहार विधानसभा अध्यक्ष पर ‘अपनों’ का ‘सितम’!

इस बीच हालांकि विशेष सशस्त्र पुलिस बल 2021 विधेयक को लेकर जमकर विरोध भी हुआ। इस विरोध में विपक्ष ने हालांकि सभी हदें पार कर दी। सत्ता और विपक्ष के बीच प्रारंभ हुए इस तनाव में विधानसभा में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जो कभी नहीं हुआ था। अध्यक्ष के चैंबर में अध्यक्ष को बंधक बना दिया गया तथा सदन के अंदर और माननीय कहलाने वाले विधायकों की पिटाई तक के आरोप लगाए गए। महिला विधायकों को भी घसीटकर बाहर निकाला गया।

यहीं नहीं विधानमंडल परिसर में समानांतर सदन चला। विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा में हुई घटना के विरोध में सदन का वाकआउट किया और परिसर में समानांतर सदन चलाया गया। इधर, इन घटनाओं को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बुधवार को विधानसभा में हुई घटना को शर्मनाक व अभूतपूर्व बता रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि लोकतंत्र के इस मंदिर में हुई घटना के लिए दोषी कोई भी हो, उस पर कार्रवाई भी हो जाए, लेकिन बिहार के इस लोकतंत्र के मंदिर में लगा दाग कैसे साफ होगा।(आईएएनएस-SHM)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here